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सीधी : सचिव पर अधिकारी हुए मेहरबान गांव में ग्रामीण हो रहे हलाकान.......?

सीधी (ईन्यूज एमपी)- सीधी जिले के अलग-अलग जनपदों के कुछ ग्राम पंचायतों में सचिवों का इस कदर बोलबाला है कि वे घोटाले पर घोटाला करते रहते हैं और ग्रामीण मूकदर्शक बने रहते हैं, कई कई बार शिकायत होने के बाद भी सचिवों पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती और अगर की भी जाती है तो बाद में मामले में लीपापोती कर उसे पुनः बहाल कर दिया जाता है जिससे उनके हौसले इतने ज्यादा बुलंद हो गए हैं कि बिना किसी नियम और अधिकारियों की परवाह के बिना सरेआम चोरी और आम गरीब जनता से सीनाजोरी भी कर रहे हैं।

ताजा मामला मझौली जनपद के कुछ ग्राम पंचायतों का है जहां तथाकथित पंचायत सचिव की दादागिरी इस हावी है कि पैसे के दम पर वो हर किसी को भी खरीदने की बात कर रहा है, और तो और सरेआम भ्रष्टाचार कर लोगों को धमकी भी दे रहा है, लोगों का खाता खुलवा कर उनके एटीएम अपने पास रखकर उनके खातो से बराबर आहरण कर रहा है, और मनरेगा की मजदूरी उन्ही खातों में डाल रहा है, उक्त सारी बातों को लेकर ग्रामीणों द्वारा कई बार उच्चाधिकारियों से शिकायत की गई लेकिन मामले में कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है जिससे उक्त सचिव के हौसले और ज्यादा बुलंद हो रहे हैं और उसके द्वारा सरेआम ग्रामीणों से कहा जा रहा है कि मेरा कोई कुछ नहीं कर सकता मैंने सबको खरीद कर रखा है।

बता दें कि जनपद पंचायत मझौली के नौढ़िया सचिव एवं सरपंच द्वारा नौढ़िया पंचायत में जमकर भ्रष्टाचार किये जाने का आरोप ग्रामीणों ने लगाया है, नाबालिक व बुजुर्गों का खाता बैंक में खुलवा कर उनके एटीएम कार्ड अपने पास रख लिया गया है, एवं मनरेगा के तहत आने वाली मजदूरी उन्हीं खातों में डालकर निकाला जा रहा है, और ताज्जुब की बात यह है कि ग्रामीणों को इस बात की खबर भी नहीं है कि मजदूरी के नाम पर उनके खाते में पैसा डाल कर आहरण किया जा रहा है उक्त बातों को लेकर कई बार शिकायतें की जा चुकी है, लेकिन अब तक कार्यवाही नहीं हो पाई है ग्रामीणों का तो यहां तक कहना है कि पूर्व में अनियमितताओं के चलते ही सचिव को निलंबित कर दिया गया था, लेकिन सांठगांठ कर दोनों ही बाहर सचिव बहाल हो गया और यही नहीं पुनः उसी पंचायत में आकर लोगों पर अपने पहुंच और पैसों का रौब दिखाया जा रहा है ग्रामीणों द्वारा जनसुनवाई में आवेदन देकर नवागत कलेक्टर एवं जिला पंचायत सीईओ से अपेक्षा की गई है कि उक्त मामले में जांच कर सचिव के खिलाफ उचित कार्यवाही की जाए।

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