enewsmp.com
Home सीधी दर्पण चेहरे चर्चित चार, नेता अफसर - विधिक पत्रकार.......

चेहरे चर्चित चार, नेता अफसर - विधिक पत्रकार.......

आदरणीय पाठक बंधु
सादर अभिवादन स्वीकार हो।
हम आपके लिए एक ऐसा धारावाहिक लेख प्रस्तुत कर रहे है, जिसमे चार ऐसे लोंगो की जानकारी विशेष है , जिन्होंने विभिन्न अलग अलग क्षेत्रो पर बहुत अच्छा कार्य करके लोंगो का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट किया है, जैसा कि आप हेडिंग से उन कार्यक्षेत्रों के बारे में समझ गए होंगे।
मेरी पूरी कोशिश होगी कि उनलोंगो के जीवन के कुछ रोचक, सुखद, और संघर्ष के बारे में जानकारी इकट्ठा करके लिख सकूं, और सहज शब्दो के माध्यम से उस भाव को आपके सामने प्रकट कर सकूं, जिससे आप किसी भी घटना क्रम को पूर्ण रूप से सही समर्थन दे सकें।
आपका
सचीन्द्र मिश्र
सीधी

...................................................

📱 चेहरे चर्चित चार📱
नेता अफसर - विधिक पत्रकार
जिनकी कहानी कलम लिखेगी " समाजसेवी " व्यापारी और वैद्य रचनाकार ।


...................................................

✍️ शिवशंकर मिश्र 📱
वरिष्ठ नेता

...................................................


आज बात उनकी जिनकी कभी सीधी के राजनीतिक क्षितिज में तूंती बोलती थी उनका पोषाक , रहन सहन , खानपान और विल्स खासियत है , गैर मंत्री , गैर सांसद व गैर विधायक वह दो दशक पूर्व अपनी खुद की अहमियत रखते थे । संगठनात्मक पदों पर रहकर जनसेवा की है साथ ही लोकसभा विधानसभा में कई पूर्व दिग्गजों के सहयोगी भी रह चुके हैं जो भले ही अब कांग्रेश से बाहर हैं लेकिन ये खुद को कभी कांग्रेस से अलग नहीं कर पाए। जी हां हम बात कर रहे ह़ै शिवशंकर मिश्र " काकू " की जिनका जन्म सीधी जिले के पडखुरी नंबर 2 में 16 अप्रैल 1951 को हुआ, इनकी प्राथमिक शिक्षा गांव के ही प्राथमिक विद्यालय पड़खुड़ी नंबर 2 में हुई, इसके बाद जूनियर हाई स्कूल खिरखोरी से इन्होंने माध्यमिक शिक्षा अर्जित की, हाई स्कूल के लिए इन्हें सीधी आना पड़ा जहां से इन्होंने हायर सेकेंडरी स्कूल सीधी से एग्रीकल्चर विषय में पढ़ाई की, इसके बाद ये मार्तंड हाई स्कूल नंबर 2 रीवा से हायर सेकेंडरी की शिक्षा लेने के बाद उच्च शिक्षा हेतु एग्रीकल्चर कॉलेज रीवा चले गए, उच्च शिक्षा के दौरान ही फॉरेस्टर पद पर नौकरी लग जाने के कारण इन्हें पढ़ाई छोड़कर बिलासपुर जाना पड़ा, लेकिन यह नौकरी इन्हे ज्यादा दिन तक रास नहीं आई और इससे इस्तीफा देकर सन 1972 में इन्होंने सिंचाई विभाग क्रमांक 2 सीधी में कार्यरत होकर बैढ़न में पोस्टिंग ले ली, इस दौरान ये कर्मचारी यूनियन के प्रदेश सचिव बनाए गए ।

तत्कालीन मुख्यमंत्री स्वर्गीय मोतीलाल वोरा एवं पूर्व रेल मंत्री स्वर्गीय माधवराव सिंधिया से ओतप्रोत होकर यह नौकरी छोड़ कर कांग्रेस में शामिल हो गये । विधानसभा क्षेत्र गोपद बनास के पूर्व विधायक पूर्व मंत्री कमलेश्वर द्विवेदी एवं सिंगरौली विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक एवं पूर्व मंत्री वंशमणी वर्मा एवं पूर्व सांसद मोतीलाल सिंह के साथ मित्रवत कंधे से कंधा मिलाकर इन्होंने कांग्रेस पार्टी में विभिन्न पदों पर कार्य किया है ।
इन्होंने कांग्रेस पार्टी में रहते हुए कांग्रेस सेवा दल के जिला अध्यक्ष, लघु वनोपज समिति भोपाल के प्रदेश सदस्य, जिला 20 सूत्री समिति का सदस्य एवं ग्रामीण विद्युत समिति के अध्यक्ष बॉडी जबलपुर का निर्वाचित प्रदेश प्रतिनिधित्व आदि पदों पर रहते हुये उल्लेखनीय कार्य किये हैं । तात्कालिक कांग्रेस सेवादल अध्यक्ष राजीव गांधी एवं उपाध्यक्ष रामेश्वर नीखरा के राष्ट्रीय आवाहन पर हजारों कांग्रेस सेवा दल के कार्यकर्ताओं को लेकर दिल्ली के प्रदर्शन में भाग लेकर सीधी जिले को प्रशस्ति पत्र दिलाया था । इसके अतिरिक्त उन्होंने पूर्व सांसद मोती लाल सिंह एवं पूर्व मंत्री कमलेश्वर द्विवेदी के विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव में पार्टी संचालन से लेकर निर्वाचन अभिकर्ता तक का कार्य किया एवं दोनों बार लोकसभा सांसद और विधानसभा गोपद बनास का विधायक प्रतिनिधि के रूप में भी उन्होंने कार्य किया।

पूरे राजनीतिक जीवन में एक वक्त ऐसा भी आया जब वह जिला कांग्रेस कमेटी सीधी के महामंत्री थे एवं पार्टी के संचालन का दायित्व सौंपा गया, किंतु इन्हीं दिनों पुन: तिवारी कांग्रेश का कांग्रेस पार्टी में विलय हो गया, जिसके बाद पुराने कांग्रेसी एवं पदाधिकारी सब बाहर हो गए जिनमें शिवशंकर मिश्र का भी नाम शामिल था और आज भी कांग्रेस में होते हुए भी कांग्रेस से बाहर ही हैं । लेकिन आज भी उनके पोषाक , खानपान , रहन सहन में कोई अंतर नही है अपने सिद्धांतों पर आज भी अडिग हैं ।


.................................................

✍️हितेन्द्रनाथ शर्मा📱
टीआई सीधी

...................................................

'मैं खाकी...सदा चुपचाप चली इस कर्म पथ पर कार्य करने वाले एक ऐसे टीआई जो आज विंध्य क्षेत्र में परिचय को मोहताज नही है , खाखी धारण करने वाला यह चेहरा एक जंहा अच्छा साहित्यकार है , वंहीं लेखक भी हैं और समाजसेवी भी है आज हम चर्चा करेंगें अनेक विधाओं में निपुण चर्चित चेहरों में सुमार
सीधी टीआई हितेन्द्र नाथ शर्मा की ..खाखी की मदद से उन्होंने यह बताने की कोशिश की है कि हम किसी से कम नही कोरोना संकट में पुलिसकर्मी फ्रंटफुट पर काम कर रहे हैं. लोग सुरक्षित रह सकें इसलिए वो हर मुसीबत का सामना करते हुए मज़बूती से अपनी ड्यूटी में डंटे रहे । अच्छी पुलिसिंग के लिए बहुत कुछ काम करने वाले हितेंद्र ने प्रभावित क्षेत्रों में उत्पात मचाने वालों पर नकेल कसने का जंहा काम किया वंही कोरोना काल में वह अपने परिवार से बड़ा देशभक्ति जनसेवा को सर्वश्रेष्ठ समझा । जी हां हम बात कर रहे हैं टीआई हितेन्द्रनाथ शर्मा की...जिनका जन्म सतना जिले के भैसवार गांव में 20 दिसंबर 1977 को हुआ। इनकी प्रारंभिक आठवीं तक की शिक्षा गांव में ही हुई इसके बाद बीएससी करने के लिए यह बीएससी मॉडल साइंस कॉलेज रीवा आ गए जहां इन्होंने मैथ से बीएससी करने के उपरांत अंग्रेजी व समाज शास्त्र से एम ए किया इसके अतिरिक्त इन्होंने बी एड कि भी डिग्री हासिल की है।

16 अगस्त सन 2000 में उन्होंने पुलिस फोर्स ज्वाइन की जिसके बाद इन्होंने, शिवपुरी, शहडोल शिवनी, बालाघाट में अपनी सेवाएं दी। अपने गृह जिले सतना के पड़ोसी जिले रीवा में इन्होंने लंबे समय तक लोकायुक्त विभाग में भी अपनी सेवाएं दी और वर्तमान में सीधी जिले में निरीक्षक के पद पर कोतवाली सीधी में पदस्थ है। साहित्यिक ,धार्मिक , सामाजिक प्रवृत्ति के नाते हितेंद्र एक सफल कोतवाल हैं , हर वर्ग हर धर्म के लोगों के दिलों में राज करने वाली यह खाखी को भले ही वर्तमान पुलिस रास न आये लेकिन वह एक सफल पुलिस इंसपेक्टर हैं यह कहना अतिश्योक्ति नही होगा । वतौर लोकायुक्त टीआई रीवा का कार्यकाल निष्पक्ष कार्यवाही के मामले मे काफी उल्लेखनीय रहा , भ्रष्टाचारियों को कभी भी इन्होने पनाह नही दी ...और तो और शायद हितेंद्रनाथ ने किसी से एक फूल लौंग तक की जुर्रत नही की ।

धर्म-कर्म के साथ साथ देशभक्ति जनसेवा से आपका ज्यादा लगाव रहा है , बतौर सीधी टीआई भी इन्होंने कई बड़े-बड़े कारनामों का पर्दाफाश किया है कुछ दिनों पूर्व करीब डेढ़ करोड़ रुपए के अबैध गांजे की जप्ती करना उल्लेखनीय और चर्चाओं में है , कारण कि जिले के तत्कालीन एसपी रहे गांजीराम मीणा द्वारा चुरहट में की गई गांजे की कार्यवाही के वाद यह दूसरा मामला है जब इतनी बड़ी कार्यवाही को अंजाम दिया गया ।



..................................................

✍️ अंजनी तिवारी
वरिष्ठ अधिवक्ता

...................................................


आज हम विधि के जिस जानकार के बारे में चर्चा करने वाले है उनका अंदाज और व्यक्तित्व ही निराला है कहने को तो वो अधिवक्ता है लेकिन ऐसा कोई क्षेत्र नहीं जो उनसे अछूता हो सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक सभी क्षेत्रों में उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किया है , समाजवादी विचारधारा के व्यक्तित्व को भाजपा अति प्रिय है और इस बात को वो सरेआम स्वीकार करने को भी तैयार है जी हाँ हम बात कर रहे है वरिष्ठ अधिवक्ता अंजनी प्रसाद तिवारी की ...जिनका जन्म सिहावल विधानसभा क्षेत्र के ग्राम डमक में 1 जनवरी 1957 को हुआ था । इन्होंने एम ए (अर्थशास्त्र) एवं विधि(एम ए एल एल बी) की परीक्षा उत्तीर्ण की है श्री तिवारी ने छात्र जीवन में विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेना जैसे भाषण प्रतियोगिता सामान्य ज्ञान की परीक्षा, मानस अंताक्षरी प्रतियोगिता में भाग लेकर संभाग स्तर पर अपनी पहचान कायम की है| सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से उन्होंने समाज में जनचेतना पैदा करना एवं आम लोगों को सक्रिय करने जैसे काम किए हैं | सांस्कृतिक वातावरण निर्मित करने के कार्य भी इन्होंने किए हैं सामाजिक गतिविधियों के माध्यम से समाज के शोषित दलित एवं पीड़ित लोगों की हर संभव मदद से विमुख नही हैं, समाज में पीड़ित लोगों की शिक्षा स्वास्थ्य सेवा करना ये समय समय पर अपना परम धर्म समझते है और सकारात्मक सहयोग करते रहते है ।


एम ए एल एल बी की शिक्षा प्राप्त करने के बाद वकालत के क्षेत्र में इन्होंने सीधी जिले को चुना वर्ष 1983 में मध्य प्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद जबलपुर से वकालत का लाइसेंस प्राप्त किया लाइसेंस प्राप्त करने के बाद सीधी जिले के जिला न्यायालय में वकालत का कार्य प्रारंभ किया जिसके माध्यम से शोषित दलित, पीड़ित, गरीब लोगों को अन्याय के विरुद्ध न्याय दिलाने के लिए सेवा भाव के माध्यम से लोगों की सेवा करना उनका मकसद रहा है । वकालत के साथ-साथ अधिवक्ता संघ की राजनीति में समय-समय पर सक्रिय रूप से भाग लेकर विचारधारा से संबंधित विद्वानों की सक्रियता से मदद करते रहे राज्य अधिवक्ता परिषद जबलपुर के चुनाव में सक्रिय रूप से भाग लेकर विचारधारा से संबंधित उम्मीदवारों को सक्रियता से मदद करते रहे| जिला अधिवक्ता संघ के चुनाव की समस्याओं को लेकर शासन एवं प्रशासन को आंदोलन के माध्यम से ध्यान आकृष्ट कराना एवं वकीलों की समस्याओं को लेकर कई बार धरना प्रदर्शन भी इनके द्वारा किये गए |


इनके कारनामे इतने में ही नहीं खत्म होते उन्होंने राजनीतिक गतिविधियों में सक्रियता से भाग लेकर जन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए शोषित, दलित, मजदूर, किसान, व्यापारी व कर्मचारी की समस्याओं को लेकर कई बार आमरण अनशन पर भी बैठे जो कि समस्याओं के निदान में मददगार साबित हुई ।
इन्होंने जिले की समस्याओं को लेकर कलेक्ट्रेट परिषद सीधी में 5 बार, अस्पताल की गंदगी की समस्या को लेकर जिला अस्पताल प्रांगण सीधी में एक बार, वकीलों की समस्याओं को लेकर जिला न्यायालय परिसर में दो बार, मजदूरों की पलायन की समस्या को लेकर बघौडी के मुंडा पहाड़ पर एक बार, थानेदार अमिलिया के आतंक के विरोध में अमिलिया थाने के समक्ष एक बार, तेंदूपत्ता बोनस बटवाने की समस्या को लेकर देवसर तहसील न्यायालय के समक्ष एक बार, फर्जी तौर पर अपने साथियों के साथ मुकदमा कायम होने के विरोध में सिंगरौली जिले के अंतर्गत माजन मोड पर एक बार, क्षेत्रीय जन समस्याओं को लेकर बस स्टैंड में एक बार, इस प्रकार अब तक में इन्होंने 13 बार धरने पर बैठकर लोगों की जन समस्याओं के निराकरण में अपना संघर्ष जारी रखा| इसके अतिरिक्त कई बार साकेतिक भूख हड़ताल, धरना प्रदर्शन के माध्यम से भी जनसमस्याओं के निराकरण में इन्होने अपना योगदान दिया, इसमें खास बात यह रही कि उनके ज्यादातर आंदोलन कांग्रेस शासनकाल में ही हुए । उन्होंने राजनीतिक रूप से समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष के रूप में सीधी जिले में संगठनात्मक ढांचा तैयार कर छह विधानसभा क्षेत्रों में से 2 विधानसभा क्षेत्र सीधी के गोपद बनास से के के सिंह भवर एवं सिंगरौली विधानसभा क्षेत्र से वंशमणी वर्मा को समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में विजई बनाना अपनी प्रमुख उपलब्धि मानते हैं । सीधी सिंगरौली जिले के एक रहते जिले की 6 सीटों को भाजपा, कांग्रेस, एवं समाजवादी तीनों में दो दो पर लाकर खड़ा करना अपने संगठन संगठनात्मक ढांचे की सबसे बड़ी सफलता थी |



राजनीति के प्रति उदासीनता का भाव जागृत होने के कारण उन्होंने अपनी विचारधारा को धार्मिक गतिविधियों के साथ जोड़ा यद्यपि धार्मिक गतिविधियों के प्रति इनकी मूल धारणा पहले से ही चलती रही लेकिन धार्मिक गतिविधियों में इन्होने कुछ हट कर अलग कार्य किये फिर चाहे वो सिहावल विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बघौडी़ सुडवार में प्रतिवर्ष मानस महासंग्राम का आयोजन हो जिसमे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त श्रीरामचरितमानस के विद्वानों का आगमन होता है या फिर शिवरात्रि महापर्व के पावन अवसर पर सिंगरौली जिले के निवास ग्राम के शिव मंदिर प्रांगण में श्री राम कथा परिवार की ओर से 1 सप्ताह का श्रीमानस महोत्सव का आयोजन हो या फिर श्री राम नवमी महोत्सव हनुमान जयंती और श्री तुलसी जयंती महापर्व इन तमाम तरह के धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन भी इनके द्वारा किया जाता रहा है|
और अंत में अगर इनके शब्दों में कहे तो मूल रूप से धार्मिक गतिविधियों से जुड़े होने के नाते एवं रामकथा परिवार का संयोजक होने के नाते राजनीतिक दृष्टिकोण से ये भारतीय जनता पार्टी के आदर्श विचारों सिद्धांतों के प्रति सैधांतिक, वैचारिक भावनाओं से काफी तालमेल रखते हैं एवं भाजपा के प्रति ये आत्मीयता से सच्ची निष्ठा रखते हैं और आज तक इनके जीवन का समूचा कार्यक्रम भाजपा के सिद्धांतों एवं विचारों के अनुकूल रहा है । लेकिन वकील कम नेता का ज्यादा रोल अदा करने वाले श्री तिवारी को आज तक दुर्भाग्यवश कोई दायित्व हांसिल नही हो सका है ।


...................................................

✍️ शिवेन्द्र सिःह बाघेल 📱
वरिष्ठ पत्रकार

...................................................

आज चौथे पायदान से हम एक ऐसे निर्भीक पत्रकार के जीवन से रूबरू होंगे जिसने कभी अपने जीवन को कार्य से ज्यादा तवज्जो नही दी, संकट मोल लेकर भी जिसने पत्रकार का धर्म निभाया और समाज की कई कुरीतियों तक को सामने ला कर रख दिया, ये न सरहंगो से डरा और न डाकुओ से सीधी से लेकर प्रदेश के कई जिलो में अपनी छाप छोड़ चुके सीधी जिले में इलेक्ट्रानिक मीडिया की शुरुआत करने वाले पत्रकार शिवेंद्र सिंह बघेल...जी हा शिवेंद्र सिंह बघेल जिन्होंने अधिकारियो की दबंगई और जिले के सरहंगो की परवाह किये बिना समाज के हर पहलू को समाज के सामने रखा कई कुरीतियों को उजागर किया कई लोगो के उत्थान का कारण भी बने ।
इनका जन्म रीवा जिले के क्यौंटी ग्राम में 1 अगस्त 1976 को हुआ , इन्होने बी ए ,एम ए ,एम ई ई , डीएड , bjmc ,डिप्लोमा वीडियो ग्राफी फ़ोटो ग्राफी की शिक्षा के उपरांत पत्रकारिता को अपना धेय बनाया और रीवा, सीधी संयुक्त सिंगरौली,सतना मंदसौर और मंडला जैसी जगहों पर कार्य करते हुए पत्रकारिता की मशाल जलाई| इनके द्वारा अलग अलग बैनरों तले कई संस्थानो में कार्य किया गया जिसमे नव स्वदेश ,etv सीधी 2003 से 2006 तक ,सतना 2006 से 2010 तक , मंदसौर के अलावा , मंडला में 2011 से 2012 तक ,साधना न्यूज़ 2012 से 2014 तक ,सतना पी 7 ,पल्स न्यूज़ 2014 से 2016 शामिल है व वर्तमान में शिवेन्द्र सतना जिले में न्यूज़ 18 में निरंतर 2016 से कार्य कर रहे हैं ।


बात करे इनके कार्यो की तो इनके द्वारा कई समाज हित के लिये कार्य भी किये गए व् अपने पेशे को आधार बनाकर कई सरहनीय कार्य किये गए फिर चाहे वो चितरंगी के घोर जंगल मे एक बैगा आदिवासी बस्ती की खोज कर उन्हें समाज के मुख्य धारा में जोड़ने में अहम भूमिका का कार्य हो या फिर सिंगरौली में शाह समाज मे फैली कथित रूढ़वादी कुप्रथा को जनता के सामने लाना इनके द्वारा चुरहट के एक गांव में 100 फिट गहरे कुएं से एक युवती को निकलवाने में जिला प्रशासन के रेस्क्यू में भरपूर सहयोग किया गया था । तत्कालीन जिला कलेक्टर सुखबीर सिंह ने इन्हे समान्नित भी किया था , सीधी जिले में आदिवासी बाहुल्य इलाके में टोनही प्रथा के अन्धविस्वाश के खिलाफ मुहिम चलाई गई जिसके बाद ,सरकार ने इस मुद्दे को लेकर जागरूकता अभियान चलाया । इसके अतिरिक्त रीवा में 2006 में गोविंदगढ़ बस हादसा की वो खबर जो पूरे देश की सुर्खियां बनी थी और 68 लोगो की जल शामाधि हुई थी ,उस बस का खुलासा करना जो बिना परमिट और फिटनेश के चल रही थी । सतना में आदिवासी बाहुल्य माझिगवा ब्लाक में कुपोषण की भयावह स्थित को उजागर करना जिसके बाद यूनिसेफ तक कि टीम को सर्वे करना पड़ा और सरकार को यहां कई योजनाएं चलाने को विवश होना पड़ा । सतना के परसमनिया पठार में जारी अबैध उत्खनन को उजागर करना , नतीजा विधानसभा में पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल ने इसी मुद्दे को लेकर सरकार के खिलाफ अविश्वास तक लाया था

इतना ही नही चित्रकूट के अंचल में दस्यु समस्या पर लगातार नजर जो आज खात्मे हो की ओर है ,सात लाख के इनामी बदमाश बबली कोल के इनकाउंटर के सच को उजागर करना ,पुलिस मुठभेड़ के 24 घण्टे पहले सच उजागर ,
रामपथ में जारी अबैध उत्खनन पर मुद्दा बनाकर सच सरकार तक पंहुचाना और एक साथ 29 खदानें बंद.... और तो और
मंडला में बैगा आदिवासियों की समस्या उजागर करना और बैगा विकास प्रोजेक्ट की हकीकत सरकार तक शिवेन्द्र ने पंहुचाई है ,मंडला में आदिवासियों के लिए निशुल्क बैल और गाड़ी वितरण योजना की सच्चाई उजागर की जहा एक जोड़ी बैल और बैलगाड़ी एक सैकड़ा आदिवासियों तक पहुची । अंत में यही कंहूंगा कि शिवेन्द्र बघेल की पत्रकारिता के किस्सों में से बहरी की घटना अहम रही , और सभी पत्रकार एकजुट होकर अपनी कलम की ताकत का प्रशासन कै एहसास कराया था ।

Share:

Leave a Comment