रीवा (ईन्यूज एमपी)- अपनी तेज तर्राट कार्यशैली के लिए प्रसिद्ध 2009 बैच के आईपीएस अधिकारी नवनीत भसीन आज बतौर रीवा एसपी अपना कार्यभार ग्रहण कर चुके हैं। पदभार ग्रहण करने के पश्चात नवागत एसपी वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात कर परिचय प्राप्त किये, नवनीत भसीन को सहायक पुलिस महानिरीक्षक पुलिस मुख्यालय भोपाल से बतौर रीवा एसपी पद के लिए तबादला कर भेजा गया है, इसके पूर्व नवनीत भिंड, खंडवा, सीधी और ग्वालियर जैसे जिलों में पुलिस अधीक्षक का पद संभाल चुके हैं पदस्थापना वाले जिलों में बतौर एसपी उन्होंने अपराध पर काफी अंकुश लगा दिया था। नवनीत भसीन मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के निवासी एवं 2009 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के अफसर हैं. 1979 में जन्मे आईपीएस नवनीत भसीन को सहायक पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस मुख्यालय (PHQ), भोपाल से रीवा पुलिस अधीक्षक पद के लिए तबादला कर भेजा गया है. नवनीत तेज तर्रार पुलिस अफसरों में गिने जाते हैं. ग्वालियर में उनकी पदस्थापना के दौरान अपराध के ग्राफ में 45 फीसदी तक की गिरावट देखी गई थी. जब उन्हें ग्वालियर में पदस्थ किया गया था, तब जिले में अपराध अपनी चरम पर था. लेकिन उनके आने के बाद नशे, हथियार की तस्करी से लेकर आपराधिक प्रवृत्ति तक के लोग जल्द ही पुलिस के खौफ में आ गए थें. कुछ ही ऐसे अफसर होते हैं जो जनता के चहते बन जाते हैं. 30 नवंबर 2016 को भिण्ड जिले के तत्कालीन एसपी नवनीत भसीन के तबादले को लेकर भी देखने को मिला जहां लोग सड़क पर उतर आए थें और स्वेच्छा से अपनी दुकाने बंद रखकर एसपी भसीन के तबादला रुकवाने की मांग करने लगे. हालांकि उनका तबादला रुका नहीं था और खंडवा में एसपी के रूप में पदस्थ कर दिया गया। आईपीएस नवनीत भसीन का मानना है कि पुलिस अधिकारियों से लेकर पुलिस कर्मियों तक सभी को जनता के साथ मधुर सम्बन्ध रखना चाहिए. भसीन कहते हैं कि हम सभी जनता की सेवा और उनकी रक्षा के लिए पुलिस की सर्विस में आए हैं. इसलिए जनता के साथ घुल मिलकर और उनके अपनेपन के साथ ही किसी भी स्थान की क़ानून व्यवस्था दुरुस्त की जा सकती है. रीवा लंबे अर्से से नशाखोरी, नशा तस्करी, अवैध हथियारों की तस्करी से जूझ रहा है, जिस पर पुलिस न तो लगाम लगा पा रही है और न ही ऐसे लोगों के विरूद्ध कार्रवाई कर पा रही है. तत्कालीन एसपी आकाश जिंदल , आविद खान ने अपने कार्यकाल में रीवा की क़ानून व्यवस्था दुरस्त कर दी थी, लेकिन उनका तबादला होने के बाद वापस अपराधियों के हौसले बुलंद हो गए. एसपी राकेश कुमार सिंह ने भी नशे पर लगाम लगाने की कोशिश की, कई अभियान चलाएं, नशे की खेप पकड़ने में सफल रहें, लेकिन वे भी नशे के तस्करों की गिरेबान तक पहुँच पाने में असफल रहें. पुलिस और क़ानून का खौफ ख़त्म हो चुके रीवा जिले की जनता को अब नवनीत भसीन से काफी उम्मीदें हैं. क्योंकि पिछले कुछ सालों में रीवा ऐसा जिला बन गया है, जहां महिलाएं दिन में भी सुरक्षित नहीं हैं. राह चलते महिलाओं के साथ चैन स्नैचिंग हो रही है, उनके साथ छेड़खानी हो जाती है. लेकिन पुलिस ऐसे कृत्य करने वालों तक नहीं पहुंच पाती और न ही महिलाओं की सुरक्षा कर पाती है. रीवा में क़ानून का खौफ इस कदर ख़त्म हो चुका है की युवावर्ग नशीली सिरप, शराब, गांजे में लिप्त हो चुका हैं और पढ़ने, नौकरी करने की उम्र में वह आपराधिक गतिविधियों में लिप्त हो जाता है. सीमापार राज्य से आ रही अवैध हथियारों पर भी रीवा पुलिस अंकुश लगा पाने में नाकाम रही है. जिसकी वजह से कभी भी और कहीं भी हथियारबंद अपराधी वारदात को अंजाम देकर रफूचक्कर हो जाते हैं इन तमाम समस्याओं से जूझ रहे रीवा जिले को नवागत एसपी से कई सारी उम्मीदें हैं।