सीधी (ईन्यूज एमपी)-शिक्षा ही धूरी है जिससे व्यक्ति संस्कारवान एवं चरित्रवान बनता है। शिक्षक की गरिमा से ही पूरा समाज आलोकित है। शिक्षा ही व्यक्ति को मनुष्य बनाती है।सृष्टि में प्रकृति की सर्वोत्तम कृति है मनुष्य। मनुष्य जब चरित्रवान और संस्कारवान होता है तभी शिक्षा सार्थक होती है। उक्त विचार विधायक एवं पूर्व मंत्री श्री कमलेश्वर पटेल ने व्यक्त किए। श्री पटेल सिहावल विधानसभा क्षेत्र के ग्राम बहरी में आज भारत के पूर्व राष्ट्रपति, प्रख्यात शिक्षाविद और दार्शनिक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर आयोजित शिक्षक दिवस सम्मान समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षक न केवल विद्यार्थी के व्यक्तित्व का निर्माता, बल्कि राष्ट्र का निर्माता भी होता है। किसी राष्ट्र का मूर्तरूप उसके नागरिकों में ही निहित होता है। किसी राष्ट्र के विकास में उसके भावी नागरिकों को गढ़नेवाले शिक्षकों की भूमिका महत्त्वपूर्ण है। श्री पटेल ने कहा कि शिक्षा और ज्ञान से ही हम जीवन में उन्नति प्राप्त कर सकते है। भारत की प्राचीन परंपरा गुरु शिष्य वर्तमान संदर्भ में भी प्रासंगिक है। कोई भी शिष्य अपनी उन्नति के चरम पर बिना गुरु के नहीं पहुंच सकता । प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी सुग्रीव ग्रामीण सद्भावना समिति सुपेला द्वारा शिक्षक सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इसमें क्षेत्र के करीब एक सौ शिक्षक सम्मिलित हुए । इन सभी को शाल,श्रीफल एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में सेवानिवृत्त प्राचार्य डॉ पी के सिंह ,सेवानिवृत्त प्राध्यापक श्री कमल शर्मा, सुग्रीव ग्रामीण सद्भावना समिति अध्यक्ष एवं जनपद पंचायत अध्यक्ष सिहावल श्री श्रीमान सिंह, जिला पंचायत सदस्य श्री नरेंद्र सिंह भंवर सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थिति थे। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती एवं डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर किया गया। ____