सीधी (ईन्यूज एमपी)-सरकार अब खुद बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार से परेशान हो गई है और इन समस्याओं की ओर ध्यान दिलाने वाली आवाज़ों को दबा देने पर उतारू हो गई है। विधायक एवं पूर्व मंत्री श्री कमलेश्वर पटेल ने गत 26 अगस्त को देवसर (सिंगरौली) में शांतिपूर्वक प्रदर्शन के विरुद्ध सरकार द्वारा विभिन्न धाराओं में दर्ज प्रकरण पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार को समझना चाहिए कि महंगाई, भ्रष्टाचार बेरोजगारी से आम नागरिक परेशान है। आम नागरिक अपना विरोध दर्ज करेगा तो क्या सरकार सबके खिलाफ एफआईआर दर्ज करेगी ? सरकार के इस कदम से साफ जाहिर है कि सरकार यह मानती है कि सिर्फ विपक्ष और कांग्रेस के लोगों को ही बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार से परेशानी है भाजपा के कार्यकर्ताओं और नेताओं के लिए आम आदमी की समस्याओं का कोई अर्थ नहीं है। उन्होंने कहा कि वे जनता की आवाज़ उठाना जारी रखेंगे। आवाज़ दबाने से महंगाई कम नही होगी ------------------------------------------------ विधायक श्री कमलेश्वर पटेल ने कहा कि आश्चर्य है कि महंगाई, भ्रष्टाचार, गिरती हुई कानून व्यवस्था, बेरोजगारी अन्य जन विरोधी मामलों के खिलाफ प्रदर्शन पर प्रशासन ने स्वयं संज्ञान लिया है । इन समस्याओं से पीड़ित किसी नागरिक ने कोई शिकायत नहीं की। उन्होंने कहा कि सरकार में बैठे लोग बताए कि कौन से नागरिक हैं जिन्होंने कहा कि धरना प्रदर्शन से उन्हें परेशानी हुई। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा परेशानी तो जनता को पेट्रोल डीजल गैस के बढ़े दामों और महंगाई और बेरोजगारी और भ्रष्टाचार की मार से हो रही है। सरकार की नज़र में जनता भेड़ बकरी --------------------------------------------- विधायक श्री कमलेश्वर पटेल ने कहा कि सरकार को इतना तो मालूम होना ही चाहिए जनता अपना प्रतिनिधि चुनती हैं और हर जन प्रतिनिधि का कर्तव्य है कि जनता के दुख- दर्द और परेशानियों के प्रति समय-समय पर सरकार का ध्यान दिलाते रहे। इस प्रजातांत्रिक प्रक्रिया पर सरकार ने कार्रवाई कर साफ कर दिया है कि सरकार को अब जनता से भी कोई सरोकार नहीं रहा। सरकार अब तानाशाह बन गई है अब उसकी नजर में जनता की कीमत शून्य हो गई है । श्री पटेल ने कहा कि सरकार अब चाहती है कि जनता को कितनी भी परेशानी हो जनता और उनके प्रतिनिधि अपना मुंह बंद रखें । सरकार को मनमानी करने दे। उन्होंने कहा कि सरकार की दमनकारी कार्रवाई का यह भी मतलब है कि सरकार को नहीं मालूम कि पेट्रोल डीजल गैस के दाम जनता की पहुंच के बाहर है । दाल- चावल, रोटी-सब्जी बनाना मंहगा हो गया है। युवाओं के लिए रोज़गार के सभी मौके सरकार बंद कर रही है। फायदे में चल रहे संस्थानों को भी बेच रही है। श्री पटेल ने कहा कि सरकार चाहती है कि जनता भेड़ बकरियों की तरह चुपचाप चलती रहे और सरकार मनमाने तरीके से काम करती रहे ताकि आम लोग अपने नागरिक अधिकारों के लिए कोई आवाज नही उठाएं। ----