सीधी ( ईन्यूज एमपी) सीधी जिले के पुलिस की स्वतंत्रता और निष्पक्षता पर इन दिनों सबाल मड़रा रहे हैं कारण कि किसी एक मामले को लेकर कल से महिला न्याय के लिये दर दर भटक रही है पर अभी तक स्थित ज्यौं की त्यौं वनी हुई है। इतना जरूर है कि रीवा से बजे भोंपूं के चलते जमोड़ी थाने में पदस्थ सब इंसपेक्टर तरुण बेंड़िया व आरक्षक दिनकर द्विवेदी को आनन फानन में आज लाइन अटैच जरूर कर दिया गया है । बतादें कि जमोड़ी थाने में कल से इस मामले में रस्सा कस्सी का खेल चल रहा है , जिस तौर तरीके से खाखी पर सियासत सबार होकर मामले को गोलमोल करने में तुली है , जरूर इसके पीछे सियासत आड़े आ रही है , वरना पीड़िता को जरूर न्याय मिलता , महिला का साफ साफ कहना और मेडिकल न होना पुलिस अधिकारियों की कार्य प्रणाली पर संदेह खड़ा करता है। जमोड़ी पुलिस में तैनात खाखी की स्वतंत्रता को लेकर तरह तरह के कयासों का बाजार कल से गर्म है , जाहिर होता है कि चंद मुट्ठी भर लोगों के घेराव के उपरांत जमोड़ी पुलिस और उनके आला अधिकारी डर गये ...? अभी तक सीधी में ऐसी परम्परा नही रही है ... ? एसे आलम नही रहे हैं ...? अगर यही हालात कायम रहे तो पुलिस से आरोपी भयमुक्त हो जायेंगें ...? यंहा जरूरत है कि खाखी अपना काम करे अन्यथा न्याय के इस मंदिर से आस्था भंग हो जायेगी ।