भोपाल(ईन्यूज एमपी)- मध्य प्रदेश में गृह निर्माण सहकारी समितियों द्वारा विकसित कालोनियों में उद्यान या स्कूल के लिए आरक्षित भूमि पर कहीं मकान-दुकान तो नहीं बन गए हैं, अब इसकी पड़ताल सरकार कराएगी। इसके लिए सहकारिता विभाग ने सभी जिलों के उप पंजीयकों से रिपोर्ट तलब की है। इसमें उन्हें कालोनियों में जाकर हकीकत पता लगाने के लिए कहा गया है। यदि आरक्षित भूमि के उपयोग में परिवर्तन के मामले सामने आते हैं तो संबंधित समिति के पदाधिकारियों के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज कराए जाएंगे। प्रदेश में दो हजार 147 गृह निर्माण सहकारी समितियां हैं। भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और उज्जैन में प्रमुख रूप से समितियों ने भूमि लेकर कालोनी विकसित की हैं। सरकार को विभिन्न् माध्यमों से यह शिकायतें प्राप्त हुई हैं कि कई कालोनियों में उद्यान, स्कूल या अन्य गतिविधियों के लिए आरक्षित भूमि को बेच दिया है। इन पर आवास या दुकान बन गए हैं। नियमानुसार समितियां ऐसा नहीं कर सकती हैं। ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया है। सहकारिता विभाग ने सभी जिला उप पंजीयकों को निर्देश दिए हैं कि वे स्वयं का दल गठित करके कालोनियों का निरीक्षण कराएं। इसमें यह देखें कि स्वीकृत नक्शे के मुताबिक ही कालोनी विकसित हुई या नहीं। जो जगह जिसके लिए आरक्षित की गई थी, वहां यदि उसकी जगह कोई और निर्माण कार्य कराया गया है, तो ऐसी समितियों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करके दी जाए। यह भी देखा जाए कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए भूखंड छोड़ने या फिर निर्धारित राशि जमा करके भूमि के उपयोग संबंधी जो प्रविधान हैं, उसका पालन किया गया है या नहीं। जांच के दायरे में समितियां इसके साथ ही उन समितियों को जांच के दायरे में लिया गया है, जिन्होंने बिना अनुमति लिए कालोनियां विकसित की हैं। कालोनी बनाने के लिए समितियों को नगर तथा ग्राम निवेश संचालनालय से नक्शा पास कराने के साथ अन्य अनुमतियां लेनी होती हैं। कुछ समितियों को लेकर शिकायत मिली है कि उन्होंने इस प्रक्रिया का पालन किए बगैर की कालोनी बनाई हैं। ऐसी समितियों और उनके पदाधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।