भोपाल (ईन्यूज एमपी)-मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने OBC आरक्षण को लेकर गुरुवार को मंत्रालय में बैठक बुलाई है। पिछड़ा वर्ग के मंत्री मोहन यादव, कमल पटेल, रामखेलावन पटेल, भरत सिंह कुशवाह और विधायक शामिल होंगे। बैठक में एडवोकेट जनरल पुरुषेन्द्र कौरव सहित दिल्ली के वरिष्ठ वकीलों को भी बुलाया गया है। इससे साफ है कि बैठक में OBC आरक्षण के मुद्दे पर सरकार आगे की रणनीति तय करेगी। मध्यप्रदेश में पिछड़ा वर्ग (OBC) को 27% आरक्षण देने को लेकर सियासत गरमा गई है। विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान सदन में कांग्रेस और बीजेपी के बीच हुई तीखी तकरार के बाद अब दोनों प्रमुख दल इस मुद्दे को लेकर नई रणनीति पर काम कर रहे हैं। एक तरफ कांग्रेस इसे हथियार बना कर सड़क पर उतरने की तैयारी में है। वहीं, बीजेपी सरकार के माध्यम से इस वर्ग को साधने की कोशिश कर रही है। मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस ने जिस तरीके से ओबीसी आरक्षण के मुद्दे को हवा दी है। इसे सरकार ने गंभीरता से लिया है। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ पर हमले किए। इस मुद्दे पर जिस तेवर से शिवराज विपक्ष को घेर रहे थे, उससे साफ था कि सरकार किसी नतीजे पर पहुंचना चाहती है, ताकि कांग्रेस को बैकफुट पर ढकेला जा सके। सूत्रों का कहना है कि चूंकि अब मामला कोर्ट में है, ऐसे में सरकार इस वर्ग की करीब 55% आबादी के लिए फिलहाल क्रीमी लेयर की सालाना सीमा 8 लाख से बढ़ाकर 12 लाख कर सकती है। पिछले माह जब हाईकोर्ट ने OBC आरक्षण 14 से बढ़ाकर 27% करने के तत्कालीन कमलनाथ सरकार के फैसले पर रोक लगाई थी। तब मुख्यमंत्री ने बीजेपी पिछड़ा वर्ग मोर्चा की बैठक में क्रीमी लेयर की सीमा बढ़ाने पर चर्चा की थी। सीएम हाउस में हो चुकी है बैठक पिछड़ा वर्ग को 27 % आरक्षण के मुद्दे पर विधानसभा सत्र से पहले सीएम हाउस में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की इस वर्ग के नेताओं के साथ अहम बैठक हो चुकी है। उसमें बीजेपी के पिछड़ा वर्ग के मंत्री, विधायक, सांसद और पिछड़ा वर्ग मोर्चा के पदाधिकारी शामिल हुए थे। सीएम हाउस में हुई बैठक में प्रदेश सरकार के महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव भी मौजूद थे। तब बैठक में ओबीसी वर्ग के नेताओं को 27% अरक्षण के लीगल पहलुओं से अवगत कराया गया था। क्या है मामला 2019 में तत्कालीन कमलनाथ सरकार पिछड़ा वर्ग को 27% आरक्षण देने का विधेयक लेकर आई थी, लेकिन फैसले पर तत्काल ही हाईकोर्ट ने स्टे लगा दिया था। इसके बाद प्रदेश में ओबीसी को 14% आरक्षण ही दिया जा रहा है। हाल ही में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने ओबीसी को 27% आरक्षण ना मिल पाने के लिए मौजूदा शिवराज सरकार को घेरा। कांग्रेस की ओर से आरोप लगाया गया कि सरकार आरक्षण पर कोर्ट में ठीक तरह से पक्ष नहीं रख रही है। इसी का काउंटर करने के लिए बीजेपी एक्टिव हुई। अब बीजेपी की ओर से ये आरोप लगाया जा रहा है कि कांग्रेस आरक्षण का विधेयक सिर्फ वोट बैंक के लिए लेकर आई थी। खुद सीएम शिवराज ने मंगलवार को कहा था कि कमलनाथ सरकार ने कोर्ट में समय पर जवाब पेश नहीं किया था, इसलिए उस पर कोर्ट ने स्टे लगा दिया था। हाईकोर्ट 1 सितंबर को करेगा सुनवाई बता दें कि मंगलवार को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने OBC वर्ग को 27% आरक्षण देने के मामले को लेकर सुनवाई की। हाईकोर्ट ने OBC आरक्षण के संबंध में सरकार के आदेश पर रोक बरकरार रखी है। 1 सितंबर को मामले की अगली सुनवाई होगी।