भोपाल (ईन्यूज एमपी)- सरकारी कामकाज की निगरानी के लिए अधिकारियों की तैनाती सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन किसी मोबाइल एप को अधिकारी बनाकर तंत्र का हिस्सा बनाया जाए तो यह नवाचार ध्यान खींचता है। मध्य प्रदेश में यह प्रयोग किया गया है। अभी मनरेगा योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए इसका उपयोग किया जाएगा। निगरानी करने वाले इस 'अधिकारी" को एरिया ऑफिसर एप नाम दिया गया है। मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) की निगरानी के लिए प्रदेश में दो नए मोबाइल एप का उपयोग प्रारंभ किया गया है। इसके माध्यम से अधिकारियों द्वारा किए गए निरीक्षण और मजदूर की उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज की जाएगी। एरिया ऑफिसर एप के माध्यम से राज्य स्तरीय, जिला कलेक्टर एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी तथा अन्य अधिकारियों द्वारा जांच/भ्रमण के समय मनरेगा के कार्यों की गुणवत्ता तथा उपयोगिता पर टीप, कार्यस्थल से जियो टैग फोटो सहित अपलोड की जा सकेगी। अधिकारियों द्वारा किए गए दौरे तथा जांच रिपोर्ट नस्तियों पर न होकर मोबाइल पर रहेगी, जिसे पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन देखा जा सकेगा। आगामी एक सप्ताह में जिला कलेक्टर एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को अपने जिले के कम से कम एक कार्यस्थल की जांच रिपोर्ट एप्लीकेशन के माध्यम से अपलोड करने के निर्देश राज्य स्तर से जारी किए गए हैं। मोबाइल मॉनिटरिंग एप: मनरेगा के कार्यों पर लगे मजदूरों की उपस्थिति कागज पर दर्ज करने के बजाय मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम एप के माध्यम से मेट/ग्राम रोजगार सहायक द्वारा कार्यस्थल पर प्रतिदिन सुबह 11.30 के पहले ली जाएगी। कार्यस्थल से प्रति दिवस दर्ज मजदूरों की उपस्थिति जियो टैग फोटोग्राफ के साथ नरेगा पोर्टल पर उपलब्ध रहेगी। इससे मनरेगा के कार्यों के क्रियान्वयन में पारदर्शिता बनी रहेगी। आगामी 20 अगस्त से केवल ऐसे मजदूरों का भुगतान होगा, जिनकी हाजिरी सीधे कार्यस्थल से दर्ज की गई है।