भोपाल (ईन्यूज एमपी)- प्रदेश के सात लाख से ज्यादा नियमित अधिकारियों-कर्मचारियों को राज्य सरकार ने रक्षाबंधन पर्व की सौगात दी है। कर्मचारियों को दो वेतनवृद्धि (जुलाई 2020 एवं जुलाई 2021) का लाभ देने के आदेश सोमवार को वित्त विभाग ने जारी कर दिए हैं, पर जुलाई 2020-जनवरी 2021 की वेतनवृद्धि की गणना काल्पनिक होगी। वहीं सरकार ने एक साल की एरियर राशि पर अभी कोई फैसला नहीं लिया है। वेतनवृद्धि का लाभ कर्मचारियों को अगस्त की तनख्वाह से मिलेगा। दो वेतनवृद्धि एक साथ मिलने से कर्मचारियों को मूल वेतन में छह फीसद का लाभ होगा। एक वेतनवृद्धि पर तीन फीसद लाभ दिया जाता है। इस पर सरकार को 800 करोड़ रुपये सालाना अतिरिक्त खर्च करने पड़ेंगे। एक साल की एरियर राशि के लिए उन्हें अभी इंतजार करना पड़ेगा। वहीं शासन के अधीन कार्यरत सभी उपक्रम, निगम-मंडल, स्थानीय निकाय, विकास प्राधिकरण, आयोग, विश्वविद्यालय के कर्मचारियों को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है। इन संस्थाओं के कर्मचारियों के संबंध में उनके प्रशासकीय विभाग अलग से आदेश जारी करेंगे। कर्मचारी हैं नाराज अब तक कर्मचारी वेतनवृद्धि-महंगाई भत्ते को लेकर फैसला लेने में देरी से नाराज थे, पर अब नाराजगी का कारण अधूरे लाभ देना है। विभिन्न् कर्मचारी संगठन पहले ही आंदोलन का ऐलान कर चुके हैं। इसी स्थिति को देखते हुए सरकार ने कर्मचारियों को वेतनवृद्धि का लाभ दे दिया है, पर इससे कर्मचारी खुश नहीं हैं। इनकी शिकायत है कि जुलाई 2020 और जनवरी 2021 की वेतनवृद्धि की गणना काल्पनिक रूप से की जाएगी और एरियर भी नहीं दिया जा रहा है। ऐसे समझें वृद्धि का गणित किसी सरकारी कर्मचारी (लेबल 12) का वेतनमान 56100-177500 है। जून 2020 में उसका मूल वेतन 69 हजार रुपये होता है, तो जुलाई 2020 में काल्पनिक वेतनवृद्धि लगने के बाद उसका वेतन 71 हजार 100 रुपये हो जाएगा। जिसका भुगतान अभी नहीं हुआ है। वेतन-भत्तों पर 60 हजार करोड़ खर्च प्रदेश में अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन-भत्तों पर सरकार हर साल औसत 60 हजार करोड़ रुपये खर्च करती है। वर्तमान वित्तीय वर्ष के बजट में भी इतनी ही राशि का प्रविधान किया गया है। प्रदेश के कर्मचारियों को महंगाई भत्ता (डीए) के लिए अभी इंतजार करना पड़ेगा। वर्तमान में केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को 28 फीसद डीए दे रही है। कुछ राज्य सरकारों ने भी अपने कर्मचारियों को इतना ही डीए दे दिया है, पर मप्र में सरकार कर्मचारियों को अभी 12 फीसद डीए दे रही है। कमल नाथ सरकार ने डीए पांच फीसद बढ़ाकर 17 फीसद कर दिया था, पर कोरोना संक्रमण के चलते अप्रैल 2020 में डीए वृद्धि के आदेश निरस्त कर दिए गए।