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Home मध्य प्रदेश दो जजों सहित न्यायालयीन कर्मियों को मुलजिम बनाने को एसपी ने लिखा पत्र.....

दो जजों सहित न्यायालयीन कर्मियों को मुलजिम बनाने को एसपी ने लिखा पत्र.....

इंदौर (ईन्यूज एमपी)- फर्जी फैसला कांड में पुलिस दो जजों सहित कुछ न्यायालयीन कर्मचारियों को मुलजिम बनाना चाहती है। इसके लिए एसपी (पूर्वी क्षेत्र) आशुतोष बागरी ने हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को गोपनीय पत्र लिखा है। उसमें उन 27 बिंदुओं का उल्लेख भी किया है, जिनके आधार पर न्यायालय के कुछ अधिकारी-कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध बताई गई है। एमजी रोड थाना पुलिस ने 27 जून को विशेष न्यायाधीश (सीबीआइ एवं व्यापम) वीरेंद्र सिंह रावत की शिकायत पर ही अज्ञात लोगों के विरुद्ध धोखाधड़ी, कूटरचना, षड्यंत्र की धारा में केस दर्ज किया था। सीएसपी कोतवाली हरीश मोटवानी ने मामले की जांच कर फर्जी फैसला बनाने वाले आइएएस संतोष वर्मा को गिरफ्तार कर लिया। सीएसपी ने 27 बिंदुओं पर रिपोर्ट बनाकर एसपी को भेज दी।

इस पर एसपी ने 21 जुलाई को रजिस्ट्रार जनरल (जबलपुर) को पत्र (191/एन/रीडर/21) लिख दिया। एसपी के मुताबिक कुछ न्यायालयकर्मियों की भूमिका भी संदिग्ध है। उनके नाम भी रिपोर्ट में हैं। तत्कालीन डीपीओ मोहम्मद अकरम शेख ने भी पुलिस को बयान दिया था कि फर्जी फैसला बता कर मुझसे अभिमत तैयार करवाया गया। फैसले की प्रति को स्कैन भी किया था। जांच में स्कैन करने की पुष्टि भी हो गई है।



ऐसे खुली फर्जीवाड़े की पोल : वर्मा के विरुद्ध रिपोर्ट करने वाली हर्षिता ने जीएडी से फैसले की प्रति हासिल कर शिकायत दर्ज करवाई। इसी बीच रावत एमजी रोड थाने पहुंचे और लिखित शिकायत कर प्रकरण दर्ज करवा दिया।

संतोष वर्मा ने आइएएस अवार्ड के लिए रचा षड्यंत्र

संतोष वर्मा ने आइएएस अवार्ड पाने के लिए फर्जी फैसला कांड का षड्यंत्र रचा। छह अक्टूबर को रावत की कोर्ट से एक फैसला तैयार किया गया, जिसमें उसे बरी बताया। इसकी प्रति सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) में पेश कर वर्मा ने आइएस अवार्ड करवा लिया।

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