सैलाना(ईन्यूज एमपी)- नगर के फिल्टर प्लांट के एक सिलिंडर से बुधवार शाम से क्लोरीन गैस का रिसाव बड़ी घटना के संकेत दे रहा है। गुरुवार को दो बार जानकार लोगों को बुलवाकर जहरीली गैस के रिसाव को रोकने की नाकाम कोशिशें हुई। फिर भी रुक–रुककर गैस का रिसाव जारी है। शुक्रवार सुबह मुख्य नगर परिषद अधिकारी जेपी गुहा ने अमले के साथ फिल्टर प्लांट पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और मामले की गंभीरता के मद्देनजर फिल्टर प्लांट के सामने पूरे रहवासी क्षेत्र को एहतियात के बतौर खाली करवाया। क्लोरीन गैस से परिसर और आसपास की हरियाली भी प्रभावित हुई है। फिल्टर प्लांट बाउंड्री के समीप खेती करने वाले श्यामलाल, झब्बालाल राठौर, अशोक पाटीदार सहित अन्य किसानों के खेत की फसल में भी क्लोरीन गैस से नुकसान पहुंचा है। किसानों ने नगर परिषद से मुआवजा देने की मांग की है। यह उपयोग होता है क्लोरीन गैस का जानकारों के अनुसार क्लोरीन गैस को फिल्टर प्लांट में पानी के अंदर के कीटाणुओं को मारने के लिए इसका उपयोग बहते हुए पानी के साथ किया जाता है। इससे पानी शुद्ध हो जाता है। सैलाना में फिल्टर प्लांट पर 950-950 किलोग्राम की क्षमता वाले दो सिलिंडर हैं। हालांकि यह जानकारी भी प्रकाश में आई है कि बीते दो वर्षों से क्लोरीन गैस सिलिंडर का उपयोग करना ही नगर परिषद ने बंद कर दिया था। दो वर्ष पूर्व जब फिल्टर प्लांट ठेके पर था, तब वहां टेक्नीकल अनुभवी कर्मचारियों द्वारा इस क्लोरीन गैस का मिश्रण कर पूरी सुविधा के साथ फिल्टर प्लांट में रा वाटर के साथ (कच्चा पानी में) मिश्रण कर उपयोग कर रहे थे । जब से प्लांट नगर परिषद को सुपुर्द किया गया, तब से ही टेक्नीकल कर्मियों की कमी के कारण इस गैस का पानी साफ करने में उपयोग करना ही बंद कर दिया गया। माना जा रहा है कि सिलिंडर का उपयोग नहीं होने के कारण ही क्लोरीन गैस का रिसाव शुरू हुआ। बुधवार शाम से ही एक सिलिंडर से थोड़ा–थोड़ा रिसाव शुरू हो गया था। गुरुवार सुबह स्थिति बिगड़ने के कारण पहले इप्का रतलाम तथा बाद में ग्रेसिम नागदा से तकनीकी जानकार बुलाए थे, लेकिन फिर भी इस समस्या से पूरी तरह निजात नहीं मिली। शुक्रवार को रहवासी क्षेत्र करवाया खाली स्थिति जब ज्यादा गंभीर हो चली तो शुक्रवार सुबह सीएमओ जेपी गुहा ने स्वास्थ्य निरीक्षक नासिर अली तथा सुरेंद्र सिंह चौहान के साथ फिल्टर प्लांट पहुंचकर एक बार पुनः अवलोकन करने के बाद आसपास के नाै घरों के 35 से अधिक रहवासियों को वहां से हटाया और सुरक्षित अन्यत्र स्थान पर चले जाने को कहा। सभी रहवासी अपने घरों पर ताला जड़कर सुरक्षित अन्यत्र चले गए। ये दुष्प्रभाव है क्लोरीन गैस का क्लोरीन गैस जहां एक ओर कम मात्रा में उपयोग होने पर पेयजल को स्वच्छ बनाती है तो दूसरी ओर इसका रिसाव हवा में होने पर घातक होता है। विशेषज्ञों का मत है कि क्लोरीन गैस हवा में पांच फीट तक ही उड़ती है और सांस लेने पर यह मुंह में चली जाती है। क्लोरीन गैस के अधिक संपर्क में आने पर व्यक्ति को उल्टियां, चक्कर, आंखों में जलन, नाक से खून आना, सिर दर्द जैसी अन्य शिकायतें हो सकती हैं। यदि यह और ज्यादा संपर्क में आ जाए तो आदमी की जान पर भी बन जाती है।