सीधी (ईन्यूज एमपी)-दिनांक 10 जुलाई 2021 दिन शनिवार को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत में राजीनामा योग्य प्रकरणों के निराकरण हेतु प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सीधी के अध्यक्ष वीरेन्द्र प्रताप सिंह के द्वारा 18 न्यायिक खंण्डपीठों का गठन किया गया है। न्यायिक अधिकारियों की खंण्डपीठों में सीधी में प्रधान जिला न्यायाधीश वीरेन्द्र प्रताप सिंह प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय सीधी डी.के.नागले, प्रथम अपर जिला न्यायाधीश वीरेन्द्र कुमार, द्वितीय अपर जिला न्यायाधीश आर.पी. कतरौलिया, चतुर्थ अपर जिला न्यायाधीश राजेश सिंह, पंचम अपर जिला न्यायाधीश उमेश कुमार शर्मा प्रथम अपर जिला न्यायाधीश सीधी के तृतीय अतिरिक्त अपर जिला न्यायाधीश ललित कुमार झा, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पुष्पक पाठक न्यायिक मजिस्टेट प्रथम श्रेणी लवकेश सिंह, प्रशांत पाण्डेय, अशोक कुमार त्रिपाठी, प्रीति पाण्डेय, प्रदीप कुमार परिहार, की खण्डपीठों का गठन किया गया है। तहसील मुख्यालय चुरहट में न्यायाधीश शशांक नन्दन भट्ट, तहसील मुख्यालय रामपुर नैकिन में न्यायाधीशगण धीरेन्द्र सिंह परिहार, शैलेन्द्र रैकवार तथा तहसील मुख्यालय मझौली में न्यायाधीशगण धनकुमार कोडोपा एवं नीरज कुमार ठाकुर की खण्डपीठों का गठन किया गया है। द्वितीय अपर जिला न्यायाधीश श्री कतरौलिया की खंण्डपीठ के द्वारा रामपुर नैकिन के अपर जिला न्यायाधीश श्रृंखला न्यायालय के प्रकरणों का तथा चुरहट के रिक्त न्यायालयो के प्रकरणों का निराकरण शशांक नन्दन भट्ट के द्वारा किया जायेगा। नेशनल लोक अदालत में नगरीय निकाय से संबंधित जलकर एवं संपत्तिकर के प्रकरण मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पुष्पक पाठक के खण्डपीठ में निराकरण किये जायेगें तथा एक करोड रूपये के मूल्य से कम राशि के बैंक के प्रीलिटिगेशन प्रकरण न्यायाधीश अशोक कुमार त्रिपाठी के खण्डपीठ के द्वारा निराकत किये जायेंगे। तहसील न्यायालय चुरहट के बैंक एवं नगरीय निकाय के प्रीलिटिगेशन प्रकरण शशांक नन्दन भटट मझौली के धनकुमार कोडोपा एवं रामपुर नकिन के धीरेन्द्र सिंह परिहार की खण्डपीठों में निराकत किये। जावेंगे। नेशनल लोक अदालत में नगरीय निकाय, श्रम, बैक वसूली से संबंधित प्रीलिटिगेशन प्रकरणों के साथ न्यायालयों में लंबित राजीनामा योग्य प्रकरणों का निराकरण किया जावेगा। नेशनल लोक अदालत के माध्यम से प्रकरणों का निराकरण होने पर पक्षकारों को आर्थिक हानि से बचाव होता है। तथा जटिल न्यायालयीन प्रक्रिया से छुटकारा प्राप्त होता है। नेशनल लोक अदालत में चेक बाउंस के प्रकरणों में राजीनामा करने पर सम्पूर्ण कोर्ट फीस वापसी का प्रावधान किया गया है जिससे परिवादी को चेक की राशि के साथ कोट फीस वापसी का आर्थिक लाभ भी प्राप्त होता है। प्रधान जिला न्यायाधीश वीरेन्द्र प्रताप सिंह ने जन सामान्य से नेशनल लोक अदालत के माध्यम से अधिक से अधिक प्रकरणों का निराकरण कराने एवं न्यायिक प्रक्रिया में सहयोग करने की अपील की है।