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राज्य शासन ने जारी किए त्यौहार अग्रिम के लिये आदेश.....

भोपाल (ईन्यूज एमपी)-विशेष त्यौहार योजना अन्तर्गत अग्रिम राशि स्वीकृति के लिये मापदण्ड निर्धारित किए गए है। पात्रता राज्य शासन के कार्मिकों यथा नियमित, कार्यभारित, तदर्थ, संविदा कर्मी, स्थाई कर्मी, दैनिक वेतन भोगी एवं राज्य शासन के शत्-प्रतिशत् अनुदान से वेतन प्राप्त कर रहे कार्मिक। ऐसे कार्मिक जिनकी 7वें वेतनमान में कुल मासिक उपलब्धियां (मूलवेतन + मंहगाई भत्ता) 40 हजार रूपए अथवा इससे कम है। स्थायी कर्मियों के लिये वेतन की मासिक सीमा 12 हजार अथवा इससे कम होगी। अधिकतम अग्रिम राशि 10 हजार (ब्याज रहित) अग्रिम का समायोजन अधिकतम 10 समान किश्तों मे अथवा सेवानिवृत्ति संविदा अवधि समाप्ति की तिथि, जो भी पूर्व हो।
आदेशानुसार कोविड-19 की आपदा के कारण आर्थिक गतिविधियों मे भी अपेक्षित सक्रियता का अभाव है। आर्थिक गतिविधियों को सक्रिय करने के लिये आवश्यक है कि उपभोक्ता खपत को बढाया जाए। राज्य शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि राज्य शासन के कार्मिकों यथा नियमित, कार्यभारित, तदर्थ, संविदा कर्मी, स्थाई कर्मी, दैनिक वेतन भोगी एवं राज्य शासन के शत्-प्रतिशत अनुदान से वेतन प्राप्त कर रहे कार्मिकों के लिये विशेष त्यौहार अग्रिम योजना वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिये एत्तदारा स्वीकृति दी गई है।
योजना की अवधि 01 नवम्बर 2020 से 31 मार्च 2021 तक रहेगी। योजना अंतर्गत 31 मार्च 2021 तक ही आहरण किया जा सकेगा। व्यय शीर्ष यह अग्रिम, उद्देश्य शीर्ष वेतन के अंतर्गत विस्तृत शीर्ष त्यौहार अग्रिम के आवंटन के विरूद्ध स्वीकृत किया जायेगा, अन्य के लिये अग्रिम का आहरण वेतन, मजदूरी अथवा अन्य व्यय शीर्ष से आहरित किया जायेगा। पूर्व अग्रिम यदि किसी कार्मिक के द्वारा पूर्व में प्रचलित योजना, नियम के अंतर्गत त्यौहार अग्रिम प्राप्त किया गया है तब उस अग्रिम की शेष राशि को वर्तमान स्वीकृत अग्रिम की राशि से जोड़कर कुल राशि का समायोजन आगामी अधिकतम 10 किश्तों मे किया जाएगा। त्यौहार आवेदक द्वारा आवेदन मे अंकित त्यौहार ही इस विशेष अग्रिम के लिये मान्य होगें। आवेदन का प्रारुप परिशिष्ट-1 पर संलग्न है। स्वीकृतकर्ता अधिकारी कार्यालय प्रमुख स्वीकृति के लिये अधिकृत होगें एवं अग्रिम के समायिक समायोजन का भी उत्तरदायित्व उनका होगा। आवंटन संबधित व्यय शीर्ष मे प्रावधान अपर्याप्त होने पर संबधित बजट नियंत्रण अधिकारी वेतन मद के प्रावधान से पुनर्विनियोजन के लिये अधिकृत होगें।
निगम, मंडल, सार्वजनिक उपक्रम, स्थानीय निकाय, विश्वविद्यालय और आयोग भी स्वंय की वित्तीय स्थिति के आधार पर इस योजना को अपने कार्मिकों के लिये लागू के संबंध में निर्णय लेने के लिये स्वयं सक्षम होंगे। उपर्युक्त निर्देशों से समस्त अधीनस्थ अधिकारियों को अवगत कराते हुये सामयिक आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देशित करें।

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