नई दिल्ली : सोलहवीं लोकसभा के छठे सत्र की कार्यवाही बुधवार को अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो गई। 26 नवंबर से शुरू हुए इस सत्र के दौरान 20 बैठकें हुई और व्यवधानों और स्थगनों के कारण करीब आठ घंटे का समय बर्बाद हुआ। इस सत्र के दौरान कई महत्वपूर्ण वित्तीय, विधायी और अन्य कार्यो का निपटान किया गया। साथ ही भारत के संविधान के प्रति वचनबद्धता पर दो दिन की विशेष बैठक भी हुई। सत्र के दौरान 9 सरकारी विधेयक पेश किये गए और कुल 13 विधेयकों को मंजूरी दी गई। 2015-16 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगें और 2012-13 के लिए अतिरिक्त अनुदान की मांगों को भी मंजूरी दी गई। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सत्र के समापन पर अपने विदाई उल्लेख में कहा कि सत्र में व्यवधानों और बाध्य स्थगनों के कारण 8 घंटे 37 मिनट का समय नष्ट हुआ। सभा नष्ट हुए समय की क्षतिपूर्ति के लिए 17 घंटे 10 मिनट देर तक बैठी। अध्यक्ष ने सदस्यों को क्रिसमस और नर्व वर्ष के अवसर पर बधाई दी और कहा कि हम सब इस बात पर विचार करें कि यदि आप किसी मुद्दे पर असहमति दर्ज कराना चाहते हैं तो संसदीय प्रक्रियाओं का प्रयोग करते हुए शक्तिपूर्वक रूप से असहमति दर्ज कराये लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि संसद में चर्चा एवं विधायी कार्य ज्याद से ज्याद हों और गतिरोध कम से कम हो।