नई दिल्ली - तटरक्षक के उपमहानिरीक्षक बी के लोशाली को पिछले साल मछली पकड़ने वाली एक पाकिस्तानी नौका के डूब जाने पर सरकारी रुख के विपरीत बयान देने पर गठित बोर्ड ऑफ इनक्वायरी की रिपोर्ट के बाद बर्खास्त कर दिया गया है। तटरक्षक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, बोर्ड ऑफ इनक्वायरी ने शनिवार को उन्हें सभी आरोपों में दोषी पाया जिसके बाद उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। वरिष्ठ महानिरीक्षक स्तर के अधिकारियों के एक पैनल द्वारा तीन महीने से अधिक समय तक जांच की गयी। पिछले साल नये साल के मौके पर मछली पकड़ने वाली एक पाकिस्तानी नौका गुजरात तट से दूर समुद्र में भारतीय तटरक्षक द्वारा रोका गया था, लेकिन उसमें विस्फोट हो गया था और आग लग गयी थी तथा वह डूब गयी थी। उस पर सवार चार लोग भी मारे गए थे। बताया गया था कि उसपर विस्फोटक था। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा था कि परिस्थितिजन्य सबूतों से संकेत मिलता है कि इस पाकिस्तानी नौका का संदिग्ध आतंकवादी संबंध था। नौका पर सवार लोगों के तस्कर होने के दावे को खारिज करते हुए मंत्री ने कहा था कि वह उन्हें संदिग्ध या संभावित आतंकवादियों की श्रेणी में रखेंगे क्योंकि उन्होंने रोके जाने के बाद आत्महत्या कर ली और वे पाकिस्तानी समुद्री अधिकारियों, सेना और अंतरराष्ट्रीय लोगों के संपर्क में थे। सरकार ने दावा किया कि पाकिस्तानी नौका में चालक दल के लोगों ने ही आग लगायी जबकि लोशाली ने 15 फरवरी को तटरक्षक और लार्सन एंड टूब्रो के अधिकारियों से कहा था, 31 दिसंबर की रात को मैं गांधीनगर में था और मैंने उस रात कहा था कि विस्फोट कर नौका को उड़ा दीजिए। हम उन्हें बिरयानी नहीं खिलाना चाहते हैं। उनका यह बयान सरकार एवं तटरक्षक के लिए असहज स्थिति पैदा करने वाला था। उसके बाद सरकार ने उन्हें उत्तर पश्चिम के चीफ ऑफ स्टाफ के पद से हटा दिया था और बल के गांधीनगर स्थित क्षेत्रीय मुख्यालय से संबद्ध कर दिया था।