सीधी(ईन्यूज एमपी)- भाजपा के भीतर वर्चस्व को लेकर चल रहा रस्सा कस्सी का खेल सीधी के विकास में बाधक साबित हो रहा है दो नेताओं में आपसी मतभेदों के चक्कर में हिंसा से पीड़ित महिलाएं दर दर की ठोकर खाने को मजबूर हैं । मीडिया में आई खबरों और जनश्रुति को देखा जाऐ तो अब " सखी " को सांसद जी का इंतजार है ...? महिलाओं-बालिकाओं को तात्कालिक सहायता के लिये प्रस्तावित केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना वन स्टाॅप सेंटर/ऊषा किरण केन्द्र (सखी) शुभारम्भ का वाट जोह रही है । महिला एवं बाल विकास का यह दूसरा प्रयास व तैयारी भी सांसद महोदय द्वारा हस्तक्षेप के कारण बेकार गई। भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा सीधी जिले में वन स्टाॅप सेंटर खोले जाने की अनुमति प्रदान की। सखी के नाम से सम्बोधित इस केन्द्र में सभी प्रकार की हिंसा से पीड़ित महिलाओं एवं बालिकाओं को एक ही स्थान पर अस्थायी आश्रय, पुलिस डेस्क, विधिक सहायता, चिकित्सा एवं काऊंसलिंग की सुविधा प्रदान किये जाने का प्रावधान है। केन्द्र स्वीकृति के तत्काल उपरांत ही जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी द्वारा केन्द्र की स्थापना का प्रयास प्रारम्भ कर दिया गया था। औपचारिक व्यवस्था पूर्ण करने के उपरांत तकरीबन 2 माह पूर्व कलेक्टर से कराये जाने हेतु सारे इंतजामात के बावजूद अंतिम क्षणों में रद्द कर दिया गया। प्रशासनिक अधिकारियों ने संकेत दिया कि सांसद महोदय ने केन्द्र उद्घाटन की इच्छा व्यक्त की है। महिला एवं बाल विकास संचालनालय ने अब तक केन्द्र संचालन न करने पर जब जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी की क्लास हुई, चुनावी अधिसूचना को ध्यान में रख 30 सितम्बर के पूर्व कराने का निर्देश दिया। कलेक्टर के निर्देश पर सीधी विधायक केदार नाथ शुक्ल को केन्द्र शुभारम्भ हेतु बतौर मुख्य अतिथि का आमंत्रण दिया गया। श्री शुक्ल भोपाल में थे, किन्तु क्षेत्र में एक नई योजना एवं हिंसा पीड़ित महिलाओं एवं बच्चियों को तात्कालिक संरक्षण देने के इस केन्द्र का संचालन प्रारम्भ करने हेतु सीधी आ गये। लेकिन महज 2 घंटे पूर्व ही ऐसा क्या हो गया कि सीधी विधायक को यह सूचना दी गई कि अपरिहार्य कारणों से निरस्त हो गया है। भव्य तैयारी के बाद जब अचानक टेंट उखड़ते, कुर्सिया समेटे जाते देख एक मीडिया कर्मी द्वारा वजह पूंछे जाने पर बताया गया कि अब सांसद महोदय वन स्टाॅप सेंटर का उद्घाटन स्वयं करेंगें , इसलिये विधायक जी का कार्यक्रम निरस्त हो गया। वैसे भी सीधी जिला मुख्यालय में संचालित कई विभाग बंद हो चुके हैं। ऐसे में भाजपा के चुने हुये जनप्रतिनिधि द्वारा मध्यप्रदेश व भारत सरकार द्वारा हिंसा पीड़ित महिलाओं को संरक्षण देने के इस केन्द्र के शुभारंभ में दो-दो बार अवरोध पैदा करना, उनकी विकास के प्रति सोच पर सवालिया निशान लगाता है।