सीधी ( सचीन्द्र मिश्र )- जिले में चौतरफा रेत माफियाओं के हौंसले एक बार फिर बुलंद हो चुके हैं, बेरोजगारी से जूझ रही जिले की तीस फीसदी आबादी अपनी रोजी रोटी चलाने के आस में बर्दी धारियों को मुह मांगी चढोत्री चढाने में लगी हुई हैं। सीधी जिले के अमिलिया , बहरी , कमर्जी , चुरहट , रामपुरनैकिन , मझौली , सहित अन्य थानों में रेतमाफियाओं के हौसले इन दिनों आसमान छू रहे हैं ।सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अमिलिया थाना क्षेत्र अन्तर्गत सोननदी के खड़बड़ा , रामपुर , लिलवार , सिहावल , बमुरी , राजगढ व बघोर से उत्तरप्रदेश को रेत की सप्लाई पचास हजार पर गाड़ी पर की जा रही है । बात करें बहरी थाना क्षेत्र के सोननदी की तो तिलई , अमरपुर , नगझर , मरसरहा , रामडीह के तटों में माफिआओं के खुले नृत्य झकझोर के रख देंगें । वंहीं गोपद नदी की अधिकृत खदान बारपान , जेठुला , डोल , जंहा से टेक्नोयूनिक नामक कम्पनी की आड़ में हनुमना के रास्ते उत्तरप्रदेश के लिये अबैध रेत की सप्लाई सरेआम हो रही है । बताया जाता है कि हो रही अबैध रेत की निकासी बहरी में कोई संत कुमार नामक खाखी के सहारे 25000, 35000, से लेकर एक लाख में ठेका चलाया जा रहा है । जेसीबी मशीन से लोड होने बाले हाइबा वाहनों से माह भर के लिये पांच लाख वहरी से हनुमना बार्डर पार करने के नाम पर बसूली की खबर है ...? यही हाल कमर्जी का है जंहा से निकलने बाली सोननदी के कोल्हूडीह , तुर्रा घाट सुर्खियों में छाया है यंहा भी पचास हजार पर गाड़ी रेतमाफिया न्यौछावर करते हैं ...? देखा जाये तो अबैध रेत की निकासी मामले में कंही 88000, तो कंहीं 50000, तो कंहीं 40000 प्रतिमाह अबैध रेत निकासी की वसूली सुर्खियों में है । सीधी जिले में हो रही अबैध रेत की निकासी को लेकर अभी फ्री हाल पुलिस पर आरोप लग रहे हैं लेकिन अबैध खनिज उत्खनन के मामले में देखा जाये तो सोन घड़ियाल अभ्यरण्य , खनिज विभाग व वन विभाग भी इससे अछूते नही है । जिले से निकलने वाले खनिजो की बात की जाये तो रेत शुरू से ही माफियाओ व सम्बंधित विभागों की आय का साधन रही है,रेत की निकाशी व तस्करी में न केवल तस्कर बल्कि अधिकारों को धारण करने वालो व पालन करने वालो का भी बराबर सहयोग रहा है, रेत के निकासी व परिवहन पर सरकार द्वारा भले ही अंकुश लगाने की पुरजोर कोशिस की जाती रही है लेकिन रेत से होने वाली आय सरकार के डर को माफियाओ व अधिकारिओ से कोसो दूर रखे हुये है| जिले में रेत से होने वाली आय का तस्करों व अधिकारिओ में इस कदर नशा चढ़ा है की सारे नियमो को दरकिनार कर बिना किसी भय के रेत का कारोबार जिले में धड़ल्ले से किया जा रहा है, अधिकारिओ के इस रवैये से कही न कही उच्च अधिकारिओ की भूमिका भी संदेह के दायरे में है,क्यूकी खुले आम हो रहे रेत के खेल से एक ओर आम लोग जहाँ पूरी तरह वाकिफ है वही उच्च अधिकारिओ को इसकी भनक भी ना लगे यह कल्पना के विपरीत है|