दिल्ली(ईन्यूज एमपी)-दिल्ली में अब ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया को और भी पारदर्शी बनाया जा रहा है. सोमवार को दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट में बताया कि ड्राइविंग परमिट जारी करने की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए मोटर वाहन लाइसेंस के लिए होने वाली व्यावहारिक परीक्षा की वीडियोग्राफी कराने का फैसला किया गया है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ को दिल्ली सरकार ने सूचित किया कि पूरी कवायद को आज से परिवहन विभाग के सभी 13 जोन में शुरू कर दिया गया है और वीडियो रिकॉर्ड करने के लिए एक एजेंसी भी नियुक्त की गई है. परिवहन विभाग ने हाई कोर्ट को यह भी बताया कि गाड़ी चलाने के टेस्ट के वीडियो को विभाग की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा. इस पर अदालत ने कहा कि यह कदम पूरे तंत्र में और पारदर्शिता लाएगा और भ्रष्टाचार की शंका को दूर करने में लंबा सफर तय करेगा. अदालत ने दिल्ली सरकार को अनुपालन रिपोर्ट आठ हफ्तों में दायर करने के निर्देश दिए. इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 22 मई की तारीख तय की गई है. आमतौर पर लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया में घूसखोरी और फर्जीवाड़े के मामले सामने आते हैं. तय उम्र को पूरा किए बगैर नाबालिग लाइसेंस हासिल कर लेते हैं साथ ही रिश्वत देकर भी लाइसेंस बनवाने की शिकायतें सामने आई हैं. एक तरफ दिल्ली सरकार के इस फैसले से यह प्रक्रिया सख्त और पारदर्शी हो जाएगी वहीं दूसरी तरफ लाइसेंस बनवाने वालों के लिए भी अब ज्यादा मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं.