नई दिल्ली : देश में 'असहिष्णुता के माहौल' के खिलाफ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस के अन्य नेताओं ने मंगलवार को संसद भवन से राष्ट्रपति भवन तक मार्च किया। कांग्रेस नेताओं ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से 'असहिष्णुता के माहौल' पर रोक लगाने के लिए अपने संवैधानिक अधिकारों का इस्तेमाल करने की मांग की। मीडिया रिपोर्टों के मुताबकि सोनिया-राहुल और कांग्रेस के अन्य नेताओं ने राष्ट्रपति से गुजारिश की कि राष्ट्र का प्रमुख होने के नाते उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि देश में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण और असहिष्णुता के माहौल पर रोक लगे। संसद भवन से राष्ट्रपति भवन तक मार्च करने वाले शिष्टमंडल में कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य, एआईसीसी के महासचिव, पदाधिकारी और पार्टी के सांसद शामिल थे। यह शिष्टमंडल राष्ट्रपति मुखर्जी से मिला। देश में कथित रूप से 'बढ़ते असहिष्णुता' के खिलाफ लेखकों एवं कलाकारों द्वारा अपना पुरस्कार लौटाए जाने के बाद कांग्रेस ने यह मार्च किया है। सोनिया गांधी ने सोमवार को राष्ट्रपति से मुलाकात की। उनकी यह मुलाकात करीब आधे घंटे चली जिस दौरान समझा जाता है कि दोनों ने वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की। कांग्रेस सूत्रों ने यद्यपि इसे एक शिष्टाचार मुलाकात करार दिया। कांग्रेस सूत्रों ने सोमवार को कहा कि सोनिया, राहुल गांधी और पार्टी के अन्य नेता संसद भवन से राष्ट्रपति भवन तक मार्च का नेतृत्व करेंगे ताकि राष्ट्रपति से यह अनुरोध कर सकें कि देश का प्रमुख होने के नाते उन्हें असहिष्णुता के माहौल, असंयमित व्यवहार, हिंसा एवं साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण पर रोक सुनिश्चित करनी चाहिए। कांग्रेस कार्यसमिति, कांग्रेस महासचिव और पदाधिकारी एवं पार्टी सांसद राष्ट्रपति से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होंगे जिन्होंने बार बार सहिष्णुता और भारतीय सभ्यता की बहुलता के भारत के विविधतापूर्ण बुनियादी मूल्यों को संरक्षित करने की जरूरत को रेखांकित किया है।