भोजपुर(ईन्यूज एमपी)-जम्मू और कश्मीर में पिछले दिनों करण नगर में हुए आतंकवादी हमले में CRPF जवान मुजाहिद खान शहीद हो गए थे. बिहार के भोजपुर के रहने वाले मुजाहिद खान को बुधवार को उनके पैतृक गांव पीरो में सुपुर्द-ए-खाक किया गया. शहीद के परिवार के लिए तकलीफ की बात यह रही कि बेटे के सुपुर्द-ए-खाक में बिहार सरकार का कोई भी नुमाइंदा, चाहे वह विधायक हो या मंत्री, कोई नहीं पहुंचा. हालांकि, शहीद के अंतिम संस्कार के 24 घंटे के बाद आखिरकार बिहार सरकार के खनन मंत्री और भोजपुर जिले के प्रभारी मंत्री विनोद सिंह शहीद के परिवार वालों से मिलने उनके पैतृक गांव पहुंचे. गांव पहुंचने के बाद मंत्री ने शहीद मुजाहिद खान को श्रद्धांजलि दी. शहीद की अंतिम यात्रा में शामिल नहीं होने को लेकर मंत्री ने मुजाहिद खान के परिवार वालों के सामने दलील पेश की कि वह बुधवार को अपने गृह जिला कटिहार में थे, जहां पर वह शिवरात्रि की पूजा कर रहे थे. आजतक ने जब मंत्री से सवाल पूछा कि आखिर शहीद के अंतिम संस्कार में ना आ पाने की वजह क्या थी तो मंत्री ने कहा कि कटिहार से भोजपुर की दूरी 650 किलोमीटर है और इतना फासला तय करने में 2 दिन का वक्त लग जाता है. मगर फिर भी उन्होंने शहीद के बारे में खबर मिलते ही 15 घंटे में कटिहार से भोजपुर का रास्ता नाप दिया और गुरुवार को शहीद के पैतृक गांव पहुंच सके. वहीं दूसरी तरफ अपने बेटे की अंतिम यात्रा में बिहार सरकार के किसी नुमाइंदे को ना पाकर परिवार वालों में अब भी गुस्सा है. मुजाहिद खान के पिता अब्दुल खैर ने कहा कि वह अब बूढ़े हो चले हैं नहीं तो अपने शहीद बेटे की हुई इस बेइज्जती को वह बर्दाश्त नहीं करते. परिवार वालों ने बिहार सरकार के ऊपर आरोप लगाया कि शहीद का परिवार मुस्लिम है इसी वजह से बिहार सरकार का कोई भी नुमाइंदा उनके गम को बांटने नहीं पहुंचा. परिवार वालों ने प्रशासन के द्वारा बिहार सरकार की तरफ से दिए गए 5 लाख रुपए मुआवजे के चेक को भी स्वीकार करने से मना कर दिया है. परिवार वालों से मिलकर मंत्री ने आश्वासन तो दिया कि वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी से मिलकर परिवार की मुआवजे को लेकर नाराजगी उन तक पहुंचाएंगे, मगर इसके बावजूद भी परिवार वालों को जरा भी तसल्ली नहीं हुई. शहीद मुजाहिद खान के भाई मेराज खान ने कहा कि मुजाहिद की मौत आतंकवादियों से लड़ते हुए हुई है और ऐसे में 5 लाखों रुपए का मुआवजा काफी कम है. शहीद के भाई ने मांग की कि बिहार सरकार उन्हें 25 लाख रूपये का मुआवजा दे और परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी.