लखनऊ(ईन्यूज एमपी)-शैक्षिक सत्र 2018-19 में प्रदेश के सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सभी विद्यार्थियों को निशुल्क स्कूल बैग नहीं मिलेगा। परिषदीय विद्यालयों में केवल पहली एवं छठी कक्षा के विद्यार्थियों और किसी भी कक्षा में नया प्रवेश लेने वालों को ही निशुल्क स्कूल बैग दिए जाएंगे। वर्तमान सत्र में सहायता प्राप्त स्कूलों में बच्चों को नि:शुल्क स्कूल बैग नहीं मिले थे, इसलिए बेसिक शिक्षा विभाग ने आगामी सत्र में इन स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक के सभी विद्यार्थियों को निशुल्क स्कूल बैग देने का निर्णय किया है। 160 रुपये प्रति बैग की अनुमानित दर से 60 लाख बैग पर 96 करोड़ खर्च होंगे। निदेशालय ने स्कूल बैग के लिए निविदा आमंत्रित की है, जो 26 फरवरी को खोली जाएगी। टेंडर लेने वाली फर्म को आदेश जारी होने के 45 दिन में 25 फीसदी स्कूल बैग सप्लाई करने होंगे। ऐसे में 15 अप्रैल तक 25 फीसदी विद्यार्थियों को ही स्कूल बैग मिल सकेंगे। बाकी 45 लाख बच्चों को 15 मई तक इंतजार करना होगा। बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में करीब 1.53 करोड़ बच्चे पढ़ते हैं। सहायता प्राप्त विद्यालयों में करीब 22 लाख विद्यार्थी हैं। विभाग ने अगले शैक्षिक सत्र में बच्चों की संख्या 1.75 करोड़ से बढ़ाकर 1.81 करोड़ करने का लक्ष्य रखा है। स्कूल बैग केवल 60 लाख विद्यार्थियों को ही बांटे जाएंगे। ऐसे में 1.21 करोड़ विद्यार्थी इससे वंचित रह जाएंगे। ...तो दो साल कैसे चलेगा बैग सरकार ने बच्चों को एक साल छोड़कर स्कूल बैग देने का निर्णय किया है। पिछले वर्ष बांटे गए स्कूल बैग तीन-चार महीने के बाद ही फटने लगे थे। कमोबेश सभी स्कूलों में अधिकतर बच्चों के बैग की हालत खस्ता है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ये स्कूल बैग दो साल तक चल पाएंगे। बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आरपी सिंह का कहना है कि गत वर्ष सभी परिषदीय स्कूलों के बच्चों को बैग मिले थे। इसलिए इस वर्ष केवल पहली और छठी कक्षा के अलावा नया प्रवेश लेने वाले बच्चों को स्कूल बैग दिए जाएंगे। अनुदानित स्कूलों के सभी विद्यार्थियों को स्कूल बैग दिए जाएंगे।