दिल्ली(ईन्यूज़ एमपी)-केंद्र सरकार ने गैरकानूनी तौर पर देश में रहने वाले रोहिंग्या मुसलमानों के मुद्दे पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में 16 पन्नों का हलफनामा दाखिल किया। इसके मुताबिक, रोहिंग्या म्यांमार बॉर्डर से देश में दाखिल हुए हैं। इन अवैध शरणार्थियों की संख्या फिलहाल 40 हजार के आसपास है। रोहिंग्या से देश की इंटरनल सिक्युरिटी को खतरा हो सकता है। इंटेलिजेंस एजेंसियों को इनपुट मिले हैं कि कुछ रोहिंग्या मुस्लिमों के लिंक पाकिस्तान के आतंकी संगठनों से हैं। ज्यादातर अवैध शरणार्थी हवाला रैकेट, जाटी आइडेंटिटी बनवाने और ह्यूमन ट्रैफकिंग जैसी देश विरोधी हरकतों में शामिल हैं। कोर्ट इस मामले में दखल से इनकार कर सकती है। सरकार पॉलिसी के मुताबिक कार्रवाई करेगी। अब कोर्ट 3 अक्टूबर को इस मामले पर सुनवाई करेगा। इससे पहले केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में जो हलफनामा दाखिल किया था उसे होल्ड पर रखने की अपील करते हुए कहा था कि वो अंतिम नहीं हैं। उसमें इन लोगों को देश की सुरक्षा के लिए खतरा करार दिया था। सरकार का कहना था कि रोहिंग्या मुस्लिमों को भारत में रहने नहीं दिया जा सकता। हलफनामे में कहा गया था कि सरकार को जो खुफिया एजेंसी को मिली जानकारी के अनुसार रोहिंग्या मुस्लिम आतंकियों से मिले हुए हैं।