(ईन्यूज़ एमपी)- चीन में ब्रिक्स सम्मेलन के समापन की घोषणा के साथ अगले ब्रिक्स सम्मेलन की घोषणा की गई। ब्रिक्स सम्मेलन पर देश और दुनिया की नजर इस बात पर टिकी हुई थी कि भारत और चीन के बीच जो बातचीत हुई उसका एजेंडा क्या होगा । सोमवार को जब ब्रिक्स का घोषणापत्र जारी हुआ तो उसमें अहम बात ये रही कि पहली बार चीन ने माना कि लश्कर और जैश दुनिया के लिए खतरनाक हैं। ब्रिक्स के घोषणापत्र में लश्कर और जैश संगठनों का जिक्र होना भारत के लिए अहम कामयाबी है। आज जब पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात हुई तो कयास लगाए जा रहे थे कि शायद डोकलाम के मुद्दे पर दोनों देशों के बीच बातचीत हो। लेकिन चीन ने बातचीत से पहले ही साफ कर दिया कि डोकलाम पर बातचीत नहीं होगी। पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की बातचीत के बाद विदेश सचिव एस जयशंकर ने कहा कि मतभदों को कभी विवाद नहीं बनने देंगे। भारत के इस बयान से साफ हो गया कि पंचशील सिद्धांतों के तहत ही चीन और भारत को आगे बढ़ने की जरुरत है।