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सोमनाथ पहले सरेंडर करें और फिर जमानत अर्जी दाखिल करें : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्‍ली : आप पार्टी के विधायक और दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री सोमनाथ भारती को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से झटका मिला है। सुप्रीम कोर्ट ने आज सोमनाथ भारती की अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज कर दी और गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने टिप्‍पणी की कि सोमनाथ पहले सरेंडर करें और फिर जमानत अर्जी दाखिल करें। इस मामले में अब एक अक्‍टूबर को फिर सुनवाई होगी।


इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट पत्नी की हत्या के प्रयास और घरेलू हिंसा के आरोपों में घिरे आप पार्टी के विधायक सोमनाथ भारती की गिरफ्तारी से सरंक्षण की याचिका पर आज सुनवाई के लिए सहमत हुआ था। दिल्ली उच्च न्यायालय से अग्रिम जमानत नहीं मिलने के कारण भारती सुप्रीम कोर्ट की शरण में पहुंचे थे।

प्रधान न्यायाधीश एचएल दत्तू और न्यायमूर्ति अमिताव राय की पीठ के समक्ष भारती की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता प्रमोद स्वरूप ने इस याचिका का उल्लेख किया था। भारत ने बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अनुरोध किया था कि उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उनकी याचिका का निबटारा होने तक दिल्ली पुलिस को उन्हें गिरफ्तार नहीं करने का निर्देश दिया जाए। हाईकोर्ट ने भारती की अग्रिम जमानत की याचिका यह कहते हुये खारिज कर दी थी कि उनके खिलाफ आरोपों के समर्थन में दस्तावेजी साक्ष्य भी हैं।

गौर हो कि सोमनाथ भारती की पत्नी लिपिका मित्रा ने अपने पति के खिलाफ 10 जून को दिल्ली महिला आयोग में शिकायत की थी। इसमें भारत पर आरोप लगाया गया था कि वह 2010 में विवाह के बाद से ही उनके साथ अभद्र व्यवहार कर रहे हैं। लिपिका ने इस संबंध में दिल्ली पुलिस को भी शिकायत दी थी। पुलिस ने इसी शिकायत के आधार पर भारती के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। भारती के खिलाफ हत्या के प्रयास, पत्नी के प्रति क्रूरता, खतरनाक हथियार से चोट पहुंचाने, महिला की सहमति के बगैर ही गर्भपात कराने का प्रयास, धोखाधड़ी और आपराधिक तरीके से डराने धमकाने के आरोपों में प्राथमिकी दर्ज है।

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