रीवा( ईन्यूज एमपी) सिद्ध श्री चिरहुला नाथ मंदिर प्रांगण में चल रही श्रीमद् भागवत महापुराण के तृतीय दिवस कथा ब्यास परम पूज्य पंडित श्री बाला वेंकटेश शास्त्री जी ने मानव धर्म की व्याख्या करते हुए बताया कि धर्मो रक्षति रक्षितः समस्त मानव का प्रमुख कर्म है धर्म की रक्षा करना मानव जब धर्म की रक्षा करेगा तो मानव की रक्षा अपने आप हो जाएगी और धर्म की रक्षा कैसे होगी गाय की सेवा से शास्त्री जी ने बताया कि मृत्यु लोक में जब भगवान श्री गोविंद जी अवतार ग्रहण किये तो उन्होंने अपने धर्म की रक्षा करने के लिए गाय की सेवा को अपना प्रमुख कर्म मानकर चले और गौ सेवा के बहाने राक्षसों का अंत करके मृत्यु लोक में धर्म को पुनः जागृत किये तो जब साक्षात गोविंद भगवान श्री कृष्ण गाय की सेवा को अपना प्रमुख धर्म मान सकते हैं और मृत्यु लोक में धर्म की स्थापना कर सकते हैं तो हम सबको भी भगवान के काम से शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए और कम से कम एक-एक गाय की सेवा अवश्य करनी चाहिए जहां गाय का निवास होता है विपत्तियां वहां से भागती रहती हैं इसलिए हर मानव के एक-एक गाय की सेवा करना आवश्यक होता है यदि किसी कारणवश अपने घर में ना कर सके तो गौशालाओं में जाकर एक-एक गाय की सेवा व्यवस्था पूरा का दान करके अपना कल्याण करना चाहिए आगे शास्त्री जी ने भगवान के परम भक्त विदुर मैत्रेय संवाद उद्धव विदुर संवाद ब्रह्म जी के द्वारा सृष्टि क्रम का वर्णन कर्दम देवहूति कपिलोपख्यान के प्रसंग का बड़े ही विस्तार से वर्णन किये। बतादें कि इस अवसर पर प्रमुख रूप से मध्य प्रदेश शासन के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला पूर्व महापौर राजेंद्र ताम्रकार चिरहुला मंदिर के प्रमुख सेवक स्वामी गोकर्णाचार्य जी टोनी महाराज भाजपा मंडल अध्यक्ष रायपुर अंशु सिंह जी,अलखमुनि तिवारी, शंख वाले गौतम जी, गिरीश शर्मा, लक्ष्मीकांत मिश्रा, शैलेंद्र शर्मा, आचार्य शिवाकांत द्विवेदी, बृज कुमार शुक्ला सहित भारी संख्या में उपस्थित भक्तों ने भाव विभोर होकर कथा श्रवण किये । उपमुख्यमंत्री श्री शुक्ला ने अपने उद्बोधन में कहा कि यदि हम धर्म की रक्षा के लिए एकत्रित होकर आगे आएंगे तो हमारी रक्षा अपने आप हो जाएगी उन्होंने व्यास पीठ पर विराजमान वाला वेंकटेश शास्त्री जी का अभिनंदन करते हुए समस्त देशवासियों के कल्याण की मंगल कामना की।