भिंड(ईन्यूज एमपी)-मध्य प्रदेश में एक महीने से पटवारी संघ हड़ताल पर है, लेकिन सरकार है कि सुनने का नाम ही नहीं ले रही. अतिथि शिक्षकों से लेकर कोटवारों तक को मुख्यमंत्री सौगातें दे रहे हैं, लेकिन ह्रेड पे इंक्रीमेंट की मांग को लेकर हड़ताल कर रहे पटवारियों से सरकार को कोई मुलाजिम मिलने तक नहीं पहुंचा है. ऐसे में अपने आंदोलन में तरह तरह से प्रदर्शन करने वाले पटवारी संघ के हड़ताली सदस्यों ने अब मुख्यमंत्री को अपने खून से पत्र लिखकर ग्रेड पे बढ़ाने की मांग की है. बीती 28 अगस्त से अपनी एकमात्र मांग 2800 रुपए ग्रेड पे को लेकर पूरे मध्यप्रदेश में पटवारी कलमबंद हड़ताल पर है, अपनी मांगों को मनवाने के लिए पटवारी नित्य नए जतन कर रहे हैं, गांधीवादी तरीकों से अलग अलग अन्दाज़ में विरोध के लिए भिंड जिला प्रयोगशाला बना हुआ है, पहले पटवारी धरने पर बैठे फिर उन्होंने तिरंगा यात्रा निकाली उसके बाद मामा शिवराज सिंह की सद्बुद्धि के लिए सद्बुद्धि यज्ञ किया, वहीं पटवारियों ने अपने सर के बालों का मुंडन कराकर विरोध प्रदर्शन किया, वहीं अब मौ अनुविभाग के पटवारियों ने भूख हड़ताल की तो लहार, मिहोना और रोन के पटवारीयों ने रोन, लहार तहसील कार्यालय पर एकत्रित होकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान जिला सरपंच संघ का भी उन्हें समर्थन मिला है. डाक से मुख्यमंत्री को भेजेंगे खून से लिखे पत्र:रौन में पटवारियों ने प्रदर्शन के दौरान अपना खून निकलवा कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को खून से पत्र लिखे हैं. इस पत्र में लिखा है कि मामा को खून से लिखे खत पर नारे भी लिखे, जिसमें पटवारीयों ने गुहार लगाई है कि मामा सुन लो पटवारीयों की पुकार, 2800 ग्रेड पे कर दो अबकी बार पटवारियों का कहना है कि प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह मामा को खून से लिखे हुए ये खत डाक के माध्य्म से भोपाल भी भेजे जाएंगे. पच्चीस वर्ष पहले बढ़ाया था पटवारियों का ग्रेड-पे:गौरतलब है कि प्रदेश के 19 हजार से अधिक पटवारी एक महीने से कलमबंद हड़ताल कर रहे हैं उनकी माँग है कि सभी कर्मचारियों को प्रदेश में समय समय पर ग्रेड पे मिला है लेकिन बीते पच्चीस वर्षों से पटवारी एक ही ग्रेड पे पर काम कर रहे हैं वर्तमान में उन्हें 2100 ग्रेड पे मिल रहा है जो 1998 में किया गया था इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने 2007 में चुनाव को देखते हुए ग्रेडपे बढ़ाने का वादा किया था लेकिन आज तक नहीं बढ़ाया जबकि अन्य सभी विभागों के कर्मचारियों की मांगे पूरी कर रहे हैं.