उमरिया(ईन्यूज एमपी)- मुख्य प्रधान वन संरक्षक वाइल्ड लाइफ असीम श्रीवास्तव ने मध्य प्रदेश के जिप्सी संचालकों को पांच साल की राहत प्रदान कर दी है। उनकी जिप्सियां अब 10 नहीं, 15 साल तक जंगल के अंदर चल सकेंगी। वन विभाग ने आदेश जारी कर प्रदेश के सभी टाइगर रिजर्वों में पर्यटकों को सैर कराने वाली जिप्सियों की एक्सपायरी डेट बढ़ा दी है। आदेश में शर्त रखी गई है कि प्रदेश के टाइगर रिजर्व के अंतर्गत संचालित पंजीकृत पर्यटक जिप्सी की स्थिति अच्छी हो और उनका बीमा, पंजीकरण और फिटनेस आदि समस्त दस्तावेज जीवित हों। आदेश टाइगर रिजर्व के समस्त क्षेत्र संचालकों को जारी कर दिए गए हैं। 1300 से ज्यादा जिप्सियों का हो रहा संचालन उल्लेखनीय है कि मप्र के टाइगर रिजर्वों में 1300 से ज्यादा जिप्सियों का संचालन हो रहा है। इस आदेश से उन सभी जिप्सी संचालकों को फायदा होगा, जिनका रोजगार पर्यटन पर आधारित है। बांधवगढ़ में 240 जिप्सियों को इससे लाभ होगा। 10 साल से चल रही जिप्सियां लगभग 60 प्रतिशत जिप्सियां 10 साल से चल रही हैं, जिनकी एक्सपायरी डेट निकट आ गई थी। बांधवगढ़ में कुल 252 जिप्सियां रजिस्टर्ड थीं, जिनमें से 12 को पिछले साल हटा दिया गया था। बता दें कि कोरोना काल से ही जिप्सी संगठन यह मांग कर रहे थे कि जब परिवहन नियमों के अंतर्गत एक वाहन को 15 वर्ष तक संचालन की इजाजत है, तब वन विभाग में जिप्सी की समय-सीमा 10 वर्ष क्यों है? लगभग तीन वर्ष के लंबे विचार-मंथन के बाद अब वन विभाग ने यह निर्णय लिया है।