भोपाल। इंटरनेट से ठगी करने वालों के हौंसले इतने बुलंद हो गए हैं कि वह CBI चीफ बनकर भी लोगों को ठगने की फिराक में लग गए हैं। जबलपुर के डॉक्टर विजय कुमार गहलोत ने इसकी शिकायत दिल्ली में CBI से की। सीबीआई ने इस मामले की जांच के लिए भोपाल में सायबर सेल को लिखा है। यह है मामला... जबलपुर के डॉक्टर विजय कुमार गहलोत के पास भारतीय रिजर्व बैंक के गर्वनर के नाम से एक फर्जी मेल आया। इसमें उन्हें बताया गया कि उनकी ग्रेट ब्रिटेन में 8 करोड़ 37 लाख रुपए की लॉटरी निकली है। इस मेल में डाक्टर का खाता नंबर और अन्य जानकारी भी लिखी थी। इसमें उनसे कहा गया था कि वह अपने खाते में 21 हजार 150 रुपए जमा रखें। बाद में ठगों ने चालाकी से वह रुपए निकाल लिए। फिर ठगों ने कहा कि इनाम की राशि उनके पास आ रही थी, लेकिन मनी लांड्रिग विभाग में वह अटक गई है। इसे छुड़ाने के लिए 72,800 रुपए की मांग की गई। इससे डाक्टर को शंका हुई और उन्होंने अपने एसपी सीबीआई से रिटायर्ड दोस्त से बात की। जब उन्हें बताया कि उनके साथ ठगी हुई है, तो डाक्टर ने इसकी शिकायत सीबीआई, दिल्ली को कर दी। ठगों का दुस्साहस देखिए... उसके बाद डाक्टर के पास फोन आता है कि,' मैं सीबीआई चीफ अनिल कुमार सिन्हा बोल रहा हूं। आपकी शिकायत पर हमने एरिक मार्क और प्रवीण शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है। उन दोनों ने बताया है कि वह गिरोह के रूप में काम करते हैं, जिसके सरगना आप हैं। इसलिए आपको जो मेल भेजा गया है उसमें जानकारी भरकर भेज दीजिए, नहीं तो हम दिल्ली हाईकोर्ट में सीबीआई की तरफ से केस दायर कर देंगे। आपको गिरफ्तार करने के लिए सीबीआई की टीम जबलपुर आ रही है। इससे डाक्टर घबरा गए और उन्होंने सीबीआई दफ्तर से इसकी जानकारी ली। वहां पता चला कि सीबीआई चीफ इस तरह से किसी को फोन नहीं करते और न ही इस तरह का कोई मेल जारी होता है। इसपर डाक्टर ने असली सीबीआई में कंपलेंट दर्ज कराई। 21 अगस्त को सीबीआई ने मप्र सायबर क्राइम को पत्र लिखकर मामले की जानकारी मांगी । दिल्ली शिकायत की है ईमेल के माध्यम से लॉटरी का लालच देकर ठगी हुई। इसकी शिकायत मैंने दिल्ली में सीबीआई में की है। डाक्टर विजय कुमार गहलोत, जबलपुर सीबीआई चीफ बनकर कर रहे ठगी डाक्टर के साथ इंटरनेट से ईमेल के माध्यम से ठगी हुई तो उसने सीबीआई को शिकायत की। तब ठगों ने सीबीआई चीफ बनकर ही उनके ठगने का प्रयास किया, जिसकी शिकायत हमारे पास दिल्ली से आई है। विजय खत्री, एआईजी, मप्र सायबर सेल