ग्वालियर (ईन्यूज एमपी)- हाई कोर्ट की एकल पीठ ने शुक्रवार को उस मामले की सुनवाई की, जिसमें पीडब्ल्यूडी की वाटर वूमन के वेतन का बकाया न देने पर प्रमुख सचिव की वेतन रोकने की चेतावनी दी थी। विभाग ने महिला कर्मचारी के खाते में साढ़े चार लाख रुपये जमा कर दिए। पैसे जमा करने की जानकारी हाई कोर्ट में पेश की। कोर्ट ने पैसा जमा करने के लिए शाम साढ़े चार बजे तक वक्त दिया था। इस अल्टीमेटम के बाद पीडब्ल्यूडी ने पैसे जमा करने की जानकारी पेश की। 22 नवंबर को याचिका की फिर से सुनवाई होगी। पीडब्ल्यूडी में राधाबाई वाटर वूमेन पद दैनिक वेतनभोगी के रूप में भर्ती हुई थी। नियमित कर्मचारी का लाभ लेने के लिए राधाबाई ने श्रम न्यायालय में केस लगाया था। श्रम न्यायालय ने 1990 से उसे नियमित कर्मचारी का वेतन दिए जाने का अादेश दिया था। पीडब्ल्यूडी ने 1990 से 1997 के बीच का पैसा दे दिया। उसके बाद 1998 से अबतक का पैसा उसे नहीं दिया। करीब 10 लाख से अधिक का बकाया पीडब्ल्यूडी के ऊपर निकल रहा था। श्रम न्यायालय ने विभाग से वसूली के अादेश दिए। इस वसूली के खिलाफ पीड्ल्यूडी ने 2017 में याचिका दायर की। वेतन का बकाया नहीं देने को लेकर हाई कोर्ट ने नाराजगी जताई थी। प्रमुख सचिव, मुख्य अभियंता व कार्यपालन यंत्री के वेतन रोकने की चेतावनी दी थी। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान फिर से उसी चेतावनी को दौहराया। साढे चार लाख रुपये जमा कर दिए।