भोपाल(ईन्यूज एमपी)- लोकायुक्त पुलिस ने बुधवार को कोलार की ग्राम पंचायत बोरदा के सचिव को बीस हजार की रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ लिया। पंचायत सचिव शिकायत कर्ता के रिश्तेदार को पुन: नौकरी पर रखने के नाम पर 40 हजार रुपये ले रहा था। इसकी शिकायत मिलने के बाद लोकायुक्त ने मामले में कार्रवाई की है। लोकायुक्त के डीएसपी सलिल शर्मा के मुताबिक जोन 18 के वार्ड 83 में सफाई कर्मचारी बृजेश थावली ने 26 सितंबर को लोकायुक्त एसपी के कार्यालय में शिकायत की थी कि ग्राम पंचायत बोरदा कोलार में सचिव के तौर पर पदस्थ भगवान सिंह कीर ने दो सफाई कर्मचारी को सफाई कामगार के पद पर नियुक्त किया था, जो आवेदक के रिश्तेदार राजकुमारी एवं विजय है। इसके लिए उसने 40 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की थी। परंतु रिश्वत न मिलने पर 14 दिन के अंदर ही सरपंच के माध्यम से दोनों को हटा दिया। बाद में दोनों को पुनः पद पर नियुक्त के लिये तुरंत रुपये देने का बोला गया। दो किश्तों में 20-20 हजार रुपये देना तय हुआ। फरियादी ने इस मामले में आवेदन द्वारा लोकायुक्त से शिकायत की। सत्यापन में शिकायत सही पाए जाने पर बुधवार को लोकायुक्त एसपी मनु व्यास ने निरीक्षक रजनी तिवारी की अगुआई में टीम को कार्रवाई के लिए मौके पर भेजा था। बृजेश थावली ने सचिव भगवान सिंह कीर रिश्वत की रकम देने के लिए न्यू मार्केट के गैमन इंडिया के सामने बुलाया। जब भगवान सिंह पहुंचा तो बृजेश थावली से उसे बीस हजार रुपये दिए। उसके द्वारा रुपये लेते ही छिपकर खड़ी लोकायुक्त की टीम ने उसे दबोच लिया। उसके हाथ धुलवाए गए, तो वह रंगीन हो गए। बाद में उस पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत प्रकरण दर्ज कर लिया गया। इस मामले में बोरदा के सरपंच की भूमिका भी संदिग्ध मिली है। लोकायुक्त टीम इसकी जांच कर रही है।