भोपाल (ईन्यूज एमपी)- प्रदेश में प्रतिमाह एक करोड़ 11 लाख परिवारों को दिए जाने वाले तीन लाख 13 हजार टन खाद्यान्न के परिवहन के काम से सरकार ठेकेदारों को बाहर करेगी। इनके स्थान पर युवाओं को परिवहन का काम दिया जाएगा। इसके लिए सरकार मुख्यमंत्री युवा अन्नदूत योजना लागू करने जा रही है। इसमें युवाओं को 25 लाख रुपये तक का वाहन ऋण बैंकों से दिलाया जाएगा। एक लाख 25 हजार रुपये सरकार अनुदान देगी। इतनी ही राशि हितग्राही को मिलानी होगी। तीन प्रतिशत वार्षिक ब्याज अनुदान भी सरकार देगी। खाद्य, नागरिक आपूर्ति विभाग की इस प्रस्तावित योजना पर मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में उज्जैन में होने वाली कैबिनेट में अंतिम निर्णय लिया जाएगा। प्रदेश में युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए सरकार नए-नए क्षेत्र तलाश रही है। इसी कड़ी में खाद्यान्न् के परिवहन कार्य से युवाओं को जोड़ा जा रहा है। मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना के माध्यम से बेरोजगार युवाओं को वाहन खरीदने के लिए ऋण दिलाया जाएगा। इसके लिए अनुदान के साथ वार्षिक ब्याज अनुदान भी दिया जाएगा। वाहन मालिक को सुरक्षा प्रदान करने के लिए उससे सेंट्रल आफ इंडिया, राज्य नागरिक आपूर्ति निगम और हितग्राही के बीच अनुबंध कराया जाएगा। प्रतिमाह 11 से 30 तारीख के बीच आवंटित दुकानों पर उसे खाद्यान्न पहुंचाना होगा। यदि समय सीमा में खाद्यान्न नहीं पहुंचाया जाता है तो मासिक किराया राशि पर अधिकतम 30 प्रतिशत जुर्माना लगाया जा सकेगा। खाद्यान्न् दुकानों तक पहुंचाने के अलावा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी उपज के परिवहन का काम भी इनसे कराया जाएगा। योजना का लाभ 18 से 45 वर्ष के स्थानीय युवाओं को ही मिलेगा। परिवार की वार्षिक आय 12 लाख से अधिक होने, शासकीय सेवक या पेंशनर या अन्य स्वरोजगार योजना से लाभांवित व्यक्ति अपात्र होंगे। प्रदेश में अभी 98 परिवहनकर्ताओं के पास पूरे प्रदेश की उचित मूल्य की राशन दुकानों पर खाद्यान्न् पहुंचाने का काम है। ये नागरिक आपूर्ति निगम के 223 प्रदाय केंद्रों से प्रतिमाह तीन लाख 13 हजार टन खाद्यान्न् लेकर प्रदाय करते हैं। इसके लिए इन्हें 65 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से भुगतान किया जाता है। इसमें आधी राशि केंद्र और आधी राज्य सरकार द्वारा दी जाती है। योजना में कुल 888 वाहन युवाओं को दिलवाए जाएंगे। इसमें 2011 की जनसंख्या के अनुसार वाहन उपलब्ध कराने के लिए आरक्षण के प्रविधान का पालन किया जाएगा। अनुसूचित जाति वर्ग के लिए 142, अनुसूचित जनजाति के लिए 178, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 125 और अनारक्षित वर्ग के लिए 443 का कोटा रहेगा।