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डेढ़ लाख रुपये की रिश्वत लेते पकड़ाया आरक्षक....

इंदौर (ईन्यूज़ एमपी)- शासकीय विश्वविद्यालय में रजिस्ट्रार या कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) की परीक्षा के जरिए नौकरी लगवाने के बदले आरक्षक ईश्वरनाथ योगी ने इंदौर में एक व्यक्ति से आठ लाख रुपये की रिश्वत मांगी। लोकायुक्त पुलिस ने इस मामले में योगी को डेढ़ लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए मंगलवार को दबोच लिया। इंदौर के पोलोग्राउंड क्षेत्र में शासकीय नूतन स्कूल के बाहर योगी जैसे ही शिकायतकर्ता योगेश ठाकुर की कार से रिश्वत लेकर बाहर निकला, लोकायुक्त पुलिस की टीम ने उसे पकड़ लिया। लोकायुक्त की टीम को देख योगी ने कहा कि उसने रिश्वत नहीं ली, ठाकुर से उसका लेनदेन है और उसने उधारी में दिए रुपये वापस लिए हैं।

योगी धार में 34वीं वाहिनी बी कंपनी का आरक्षक है और इस समय इंदौर कोतवाली में कार्यरत है। वह 2005 में इस नौकरी में आया। अधिक पैसा कमाने के लिए उसने शासकीय नौकरी लगवाने के नाम पर पैसा लेना शुरू कर दिया। इंदौर के अरण्य नगर स्कीम नंबर-78 (ए) निवासी ठाकुर ने लोकायुक्त पुलिस को इस संबंध में शिकायत की। लोकायुक्त डीएसपी पीएस बघेल के मुताबिक, योगी ने मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा के माध्यम से विश्वविद्यालय में रजिस्ट्रार बनवाने या एसएससी की परीक्षा से शासकीय नौकरी का लालच दिया। इसके बदले ठाकुर से आठ लाख रुपये की मांग की।

तीन टीमें कर रही थी निगरानी - मामले की शिकायत के बाद योगी को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ने के लिए लोकायुक्त पुलिस ने जाल बिछाया। ठाकुर ने योगी को नूतन स्कूल के पास रिश्वत लेने बुलाया। इससे पहले लोकायुक्त पुलिस के तीन दल बनाए गए। एक दल स्कूल के सामने रहा, एक स्कूल के अंदर और तीसरा दल बिजली कंपनी के कार्यालय की ओर जाने वाली सड़क पर था। शिकायतकर्ता अपनी कार से स्कूल के गेट पर पहुंचा। गेट पर योगी पहले से मौजूद था। ठाकुर ने योगी को अपनी कार में बुलाया। कार के अंदर बैठकर ठाकुर ने योगी को डेढ़ लाख रुपये दिए। योगी रुपये लेकर जैसे ही कार के बाहर आया, लोकायुक्त पुलिस की टीम ने उसे पकड़ लिया। योगी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण संशोधन अधिनियम की धारा-7 और भारतीय दंड संहिता की धारा-420 के तहत पूछताछ और कार्रवाई जारी है।

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