भोपाल (ईन्यूज एमपी)-मध्यप्रदेश में बाल आश्रय और बाल संप्रेषण गृहों में रहने वाले बच्चों को खाने में अंडा और चिकन देने के आदेश के बाद दो विभाग आमने-सामने आ गए हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग ने 25 अगस्त को इसका नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया। इस पर गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने नाराजगी जताते हुए कहा कि मप्र में अंडे का फंडा नहीं चलेगा। इसे किसी भी हालत में चलने नहीं देंगे। गृहमंत्री के बयान के बाद दोनों विभाग के अफसर पसोपेश में पड़ गए हैं। इस मामले में दोनों विभाग के अफसरों ने चुप्पी साध ली है। 25 को जारी हुआ गजट नोटिफिकेशन महिला एवं बाल विकास विभाग ने बीते 25 अगस्त को बाल सुधार गृह, आश्रय गृह में रहने वाले बच्चों की देखभाल को लेकर करीब 681 पेजों का आदेश मप्र के राजपत्र में प्रकाशित किया है। गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा से जब बच्चों को अंडा और चिकन देने के फैसले के बारे में पूछा गया तो वे बोले- ये जो विषय आया है इससे भ्रम की स्थिति है। ऐसा कोई प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं हैं और इसे लागू भी नहीं किया जाएगा। किसी राजपत्र में ऐसी कोई जानकारी प्रकाशित नहीं हुई है। 25 अगस्त के गजट में बच्चों को सप्ताह में अंडा और चिकन देने का जिक्र किया गया है। अब गृहमंत्री का कहना है कि मप्र में अंडे का फंडा नहीं चलेगा। 25 अगस्त के गजट में बच्चों को सप्ताह में अंडा और चिकन देने का जिक्र किया गया है। अब गृहमंत्री का कहना है कि मप्र में अंडे का फंडा नहीं चलेगा। कमलनाथ सरकार के फैसले पर मचा था बवाल दो साल पहले कमलनाथ सरकार के दौरान तत्कालीन महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री इमरती देवी ने आंगनबाड़ियों में बच्चों को अंडा देने की सिफारिश की थी। इसके बाद इस मामले पर बवाल मच गया था। हालांकि, चौतरफा विरोध के बाद महिला बाल विकास विभाग ने इस फैसले को लागू नहीं किया था। इमरती बीजेपी ज्वाइन करने के बाद भी बच्चों को अंडा देने की बात दोहरा चुकी हैं।