इंदौर(ईन्यूज एमपी)- शहर के समीपस्थ मानपुर में बड़ा मामला सामने आया है। मानपुर पुलिस की हिरासत में लूट के आरोपित की मौत हो गई है। लूट-डकैती के आरोपित की हिरासत में मौत के मामले में एसपी भगवतसिंह बिरदे ने पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। मामले में विरोध प्रदर्शन को देखते हुए न्यायिक जांच के आदेश भी कर दिए है। आरोपित पर कई अपराध दर्ज है और दुर्लभ गैंग का समर्थक बताता था। जयस के प्रदर्शन को देखते हुए पांच थानों का बल तैनात किया गया है। मानपुर पुलिस ने डकैती की साजिश के मामले में अर्जुन पुत्र देवकरण को गिरफ्तार किया था। आरोपित से पुलिस लूट की वारदात और हथियारों के संबंध में पूछताछ कर रही थी। शुक्रवार रात हिरासत में ही उसकी तबियत बिगड़ी तो महू के सरकारी अस्पताल ले जाया गया। उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस हिरासत में मौत के मामले में तूल पकड़ लिया और जयस संगठन से जुड़े लोगों ने पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाया। आसपास के ग्रामीण भी भीड़ लेकर थाने पहुंच गए। लोगों की नाराजगी और पुलिस की लापरवाही देखते हुए ग्रामीण एसपी भगवतसिंह बिरदे ने एसआइ कमल, एएसआइ दिनेश वर्मा, निर्भयसिंह और सिपाही गजानंद व सोनवीर को तत्काल निलंबित कर दिया। मामले में एसपी ने न्यायिक जांच के भी आदेश कर दिए। पुलिस के मुताबिक शव का पोस्टमार्टम भी डाक्टर की पैनल द्वारा किया जाएगा। दुर्लभ गैंग का सदस्य था आरोपित एसपी भगवतसिंह बिरदे के मुताबिक आरोपित अर्जुन पर लूट, डकैती के छह केस दर्ज है। उससे हथियार जब्ती के लिए पूछताछ चल रही थी। आरोपित को पुलिस घर लेकर गई थी तो विवाद हुआ था। वह दुर्लभ कश्यप गैंग का सदस्य बनाता था। उसने इंटरनेट मीडिया पर भी हथियारों का प्रदर्शन करते हुए फोटो डाले थे। देवास कांड के बाद दूसरा मामला देवास के औद्योगिक थाना क्षेत्र में भी मसाला व्यवसायी मुकेश की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। मुकेश और उसके साडू ईश्वर को पुलिसकर्मियों ने हिरासत में लेकर पिटाई की थी। मामले में देवास एसपी ने एएसआइ देवेंद्र चौहान, प्रधान आरक्षक सतीश सिकरवार और आरक्षक विकास पटेल को निलंबित किया।