जबलपुर (ईन्यूज एमपी)- पूर्व नेता प्रतिपक्ष वरिष्ठ कांग्रेस नेता अजय सिंह राहुल के खिलाफ 2014 के विधानसभा चुनाव को लेकर चुरहट विधायक सरदेन्दु तिवारी द्वारा दायर की गई चुनाव याचिका को हाईकोर्ट जबलपुर ने निरस्त कर दी। निर्धारित किए गए 36 वाद बिंदुओं पर अजय सिंह राहुल पाकसाफ सावित हुये हैं । अजय सिंह राहुल की ओर से अधिवक्ता राशिद सुहैल सिद्दीकी ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि सीधी जिले के निवासी शरदेंदु तिवारी ने 2014 में यह याचिका दायर की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि 2014 के विधानसभा चुनाव में चुरहट विधानसभा सीट से चुने गए कांग्रेस विधायक सिंह ने आचार संहिता का उल्लंघन सहित अन्य अनियमितताएं कर चुनाव जीता था। उन्होंने निर्धारित राशि से कई गुना राशि चुनाव में खर्च कर मतदाताओं को प्रलोभित किया था। चुनाव के दौरान टोपियां, बिल्ले व धार्मिक पोस्टर वितरित किए थे। चुनाव खर्च के ब्यौरे में इनकी कीमतें भी सही नहीं बताई गईं थीं। याचिका में कहा गया कि राहुल गांधी की सभा के खर्च का ब्योरा सिंह ने निर्वाचन आयोग को नहीं दिया था। चुनाव याचिका में अजय सिंह पर नोट से वोट खरीदने और जाति के नाम पर वोट हासिल करने के आरोप भी लगाए गए थे। यदि छिपाया गया खर्च शामिल कर लिया जाए तो कुल चुनाव खर्च निर्धारित सीमा से अधिक होता है। इसी आधार पर सिंह का निर्वाचन निरस्त करने का आग्रह किया गया था। अधिवक्ता सिद्दीकी ने उक्त सभी आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि गवाही के दौरान ऐसा कोई साक्ष्य सामने नहीं आया, जिससे अजय सिंह की अनियमितता साबित होती हो। सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने चुनाव याचिका निरस्त कर दी। बतादें कि आठ साल वाद आये इस फैंसले को लेकर राजनीतिक क्षितिज में तरह तरह की अफवाहों का बाजार गर्म था , अजय सिंह राहुल के राजनैतिक भविष्य पर सवालिया संकेत उड़ाये जा रहे थे कि तीन सौ पेज के फैंसले का बेसब्री से इंतजार है ..? जो मिशन 23 के लिये प्रभाव शील होगा । लेकिन न्याय एक मंदिर है जो सवके लिये समान होता है और न्याय के मंदिर ने आठ साल वाद ही सही अजय सिंह के ऊपर लगे आरोपों को खारिज कर दिया है । निश्चित ही इस फैंसले के वाद सीधी के राजनीतिक कयासों में विराम लगेगा ।