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Home मध्य प्रदेश 2 दिन से धरने पर बैठे सिरमौर विधायक की पूरी हुई मांग, अंततः आज मिल गए दर्शन ....

2 दिन से धरने पर बैठे सिरमौर विधायक की पूरी हुई मांग, अंततः आज मिल गए दर्शन ....

उमरिया (ईन्यूज एमपी)-बांधवगढ़ नेशनल पार्क के बाहर दो दिन से धरना दे रहे रीवा के सिरमौर विधायक राज सिंह की बात आखिरकार प्रशासन ने मान ही ली और बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में स्थित राम जानकी मंदिर में अंततः प्रशासन ने ताला गेट से सिर्फ पांच गाड़ियों को रवाना कर के वीआईपी दर्शन शुरू करा दिया है। विधायक दिव्यराज सिंह सहित कई लोगों को पांच अलग-अलग गाड़ियों से मंदिर तक ले जाया गया, जहां उन्होंने राम जानकी मंदिर में भगवान के दर्शन किए और प्रसाद अर्पित किया। हालांकि दोपहर बाद प्रशासन ने यह निर्णय लिया, जिसकी वजह से आम लोगों को पैदल जंगल के अंदर भेज पाना संभव नहीं था। दिव्यराज सिंह ने प्रशासन के झुकते ही यह कहा कि धर्म की जीत हुई है और अधर्म हार गया है।
बता दें कि बांधवगढ़ नेशनल पार्क के अंदर प्राचीन बँधवाधीश मंदिर है और यहीं भगवान विष्णु की हज़ारों साल पुरानी विशाल प्रतिमा है. साथ ही यहां सदियों पुराने शिवलिंग मौजूद हैं. वैसे तो इस मंदिर में लोगों को जाने की अनुमति नहीं है लेकिन साल के सिर्फ एक दिन यहां मेले का आयोजन होता है. वह खास दिन कृष्ण जन्माष्टमी का होता है। लेकिन इस दिन भी वन विभाग और प्रशासन ने मेले का आयोजन और मंदिर में लोगों की एंट्री पर बैन लगा दिया।

सिरमौर बीजेपी विधायक दिव्यराज सिंह के साथ उनके पिता और रीवा राज घराने के महारज पुष्पराज सिंह भी धरने पर बैठे हुए थे. लेकिन बाद में पुलिस ने सभी प्रदर्शनकारियों को वहां से हटाकर थाने ले गई. सभी धरना देने वालों की गिरफ़्तारी हो गई. लेकिन बाद में उनके मंदिर में जाकर पूजा करने की अनुमति दे दी गई.

यहां हैरानी की बात यह है कि सत्ताधारी पार्टी के विधायक ने अपनी सरकार के बनाए नियम के विपरीत जाकर प्रदर्शन किया और पुलिस ने उन्हें अरेस्ट कर लिया।

बीजेपी विधायक का कहना है कि करीब 400-500 सालों से बँधावाधीश मंदिर और बांधवगढ़ किले में कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर मेले का आयोजन होता है और विंध्य के लोगों को साल में सिर्फ एक बार अपने भगवान का दर्शन करने का अवसर मिलता है.

जब से यहां नेशनल पार्क बना है उसे कई वर्षों पहले से यह परंपरा चलती आ रही है. साल में सिर्फ एक दिन आम जनता वहां जाकर दर्शन करती थी. कई सालों से वन विभाग इसी कोशिश में लगा था कि जन्माष्टमी के दिन यहां होने वाले आयोजन को किसी न किसी बहाने से बंद कर दिया जाए. हर साल इसमें रोक लगाने की कोशिश की जाती है. इस साल भी इस साल भी वन विभाग ने यह बहाना बताया है कि मेले के आयोजन वाले स्थान में हांथी का अमला मौजूद है. जिसकी कोई पुष्टि नहीं की गई है.

जब दिव्यराज सिंह धरने पर बैठे हुए थे तब उमरिया जिले के कलेक्टर मौके पर पहुंचे, जहां प्रदर्शनकारियों और DM के बीच तीखी बहस भी हुई. बीजेपी MLA ने इस दौरान बांधवगढ़ नेशनल पार्क में आने वाले फंड और हाथी मैनेजमेंट पर सवाल खड़े किए, और कहा हमें वीडियो दिखाओ कहां मंदिर जाने के रास्ते में हाथी है? इस दौरन उन्होंने कहा- मंदिर जाना आम लोगों का मौलिक अधिकर है आप लोगों से उनके आराध्य के दर्शन का अधिकार नहीं छीन सकते हैं.

दरअसल बांधवगढ़ नेशनल पार्क ने बँधावाधीश मंदिर में होने वाले मेले पर रोक लगा दी, जिसके बाद आमजन और रीवा के राजकुमार सिरमौर MLA सहित रीवा के महाराजा पुष्पराज सिंह सहित कई लोग धरने पर बैठ गए. इस दौरान यह भी कहा गया कि जिनके पुरखों ने बांधवगढ़ किले और वहां की 84 वर्ग किले की जमीन दान में दे दी आज उन्ही के वंशजों को रोका जा रहा है?


नेशनल पार्क ऑथरिटी का कहना है कि इस साल यहां मेले का आयोजन इसी लिए नहीं हुआ है क्योंकि उस स्थान पर हाथियों का अमला आया हुआ है. यहां अगर आम लोग जाएंगे तो हाथियों का झुण्ड उनपर हमला कर सकता है. लेकिन प्रदर्शनकारी प्रशासन की बात को सिर्फ साज़िश बता रहे थे.।

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