जबलपुर(ईन्यूज एमपी)बीड़ी का निर्माण करने वाली फर्म के खिलाफ कार्रवाई का दबाव बनाकर 10 लाख रुपये रिश्वत की मांग महंगी पड़ी। ईओडब्ल्यू जबलपुर व सागर इकाई की संयुक्त टीम ने रिश्वत की पहली किश्त के पांच लाख रुपये लेते हुए कर्मचारी भविष्य निधि सागर संभाग के क्षेत्रीय आयुक्त सतीश कुमार को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया है। उक्त कार्रवाई रविवार को सतीश कुमार के 01, सिविल लाइन सागर स्थित आवास में की गई। बीआर एंड कंपनी के संचालक सिविल लाइन सागर निवासी अनिरुद्ध पिम्पलापुरे ने सतीश कुमार के खिलाफ रिश्वतखोरी की शिकायत की थी। रिश्वत की पहली किश्त के पांच लाख रुपये लेते हुए ईओडब्ल्यू टीम ने क्षेत्रीय आयुक्त को पकड़ लिया। यह है मामला आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ जबलपुर इकाई के एसपी देवेंद्र सिंह राजपूत ने घटना की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अनिरुद्ध पिम्पलापुरे ने तीन जून को ईओडब्ल्यू एसपी कार्यालय सागर में सतीश कुमार के खिलाफ शिकायत की थी। शिकायत में अनिरुद्ध ने बताया था कि उसकी फर्म के विरुद्ध कार्रवाई का दबाव बनाकर सतीश कुमार 10 लाख रुपये रिश्वत की मांग कर रहे हैं। ईओडब्ल्यू निरीक्षक उमा आर्य से शिकायत की जांच कराई गई। इस दौरान अनिरुद्ध व सतीश कुमार के बीच रिश्वत की मांग संबंधी बातचीत की रिकार्डिंग कराई गई। जिसके बाद रिश्वत की पहली किश्त लेते हुए सतीश कुमार को रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया। पुरस्कार दिया फिर एक करोड़ जुर्माना की धमकी बताया जाता है कि अनिरुद्ध पिम्पलापुरे सागर में बतौर उद्योगपति पहचाने जाते हैं। उनका पीढ़ी दर पीढ़ी बीड़ी निर्माण का कारोबार है। मजदूर दिवस पर एक मई को कर्मचारी भविष्य निधि, सागर संभाग के क्षेत्रीय आयुक्त सतीश कुमार ने अनिरुद्ध को श्रेष्ठ नियोक्ता श्रमिक कल्याण का सम्मान दिया था। जिसके कुछ दिन बाद सतीश कुमार फर्म के खिलाफ एक करोड़ रुपये जुर्माना लगाने की धमकी देने लगे। जुर्माना कार्रवाई से बचने के लिए 10 लाख रुपये रिश्वत मांगी थी।