सतना (ईन्यूज एमपी)-सतना के जिला अभियोजन अधिकारी (डीपीओ) निलंबित कर दिए गए हैं। उनके विरुद्ध यह कार्रवाई महानिदेशक लोक अभियोजन अन्वेष मंगलम ने की। निलंबन अवधि में डीपीओ को अटैच कर धार भेजा गया है। सतना के जिला अभियोजन अधिकारी रामपाल सिंह को महानिदेशक लोक अभियोजन मप्र शासन अन्वेष मंगलम ने कदाचरण के आरोप में निलंबित कर दिया है और उन्हें धार भेज दिया गया है। हालांकि निलंबित होने के बाद वे अस्पताल में भर्ती हो गए हैं। प्रयागराज में कार्यरत अपनी पत्नी के हस्ताक्षर से एक आवेदन भेज कर शासन को बताया है कि वो बीमार रहते हैं, लिहाजा यहां से धार जा पाना उनके लिए कठिन है। निलंबन आदेश में महानिदेशक ने लिखा है कि डीपीओ के खिलाफ प्राप्त शिकायतों के जांच प्रतिवेदन में बताया गया है कि उन्होंने साक्षियों को प्रभावित किया और साक्ष्य मिटाने का प्रयास किया है। यह गंभीर कदाचरण की श्रेणी में आता है। कदाचरण की इन गंभीर शिकायतों के मद्देनजर जांच पर्यंत डीपीओ सतना के पद से रामपाल सिंह को महानिदेशक ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। डीपीओ रहते हुए रामपाल सिंह पर कलेक्टर को गुमराह कर जीपी-एजीपी और डीपीओ- डीपीओ के मध्य खाई पैदा करने के आरोप भी लगे है। कलेक्टर को गुमराह कर उन्होंने शासन के मामलों की पैरवी के लिए केस और कोर्ट का बंटवारा भी करा दिया था। जिसके बाद हंगामा खड़ा हो गया था। जीपी-एजीपी इस फैसले के विरुद्ध अदालत चले गए थे। हाईकोर्ट ने कलेक्टर के आदेश पर रोक लगाते हुए फिलहाल उसे प्रभाव शून्य कर दिया है।