सीधी (ईन्यूज एमपी)-महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारियों व पर्यवेक्षकों ने आज से कलम बंद आंदोलन शुरू कर दिया। प्रांतीय नेतृत्व के निर्देश पर परियोजना अधिकारियों एवं पर्यवेक्षकों के संयुक्त मोर्चा ने मुख्यमंत्री को संबोधित 7 सूत्रीय मांग पत्र आज कलेक्टर मुजीबुर्रहमान खान को सौंपा। संयुक्त मोर्चा की मांग है कि परियोजना अधिकारियों का ग्रेड-पे 3600 से बढ़ाकर 4800 व पर्यवेक्षकों का ग्रेड-पे 2400 से 3600 किया जाय। विभागीय मंत्री से अनुमोदित यह प्रस्ताव अगस्त 2018 से वित्त मंत्रालय के पास लंबित है। परियोजना अधिकारियों को सामान्य प्रशासन, पुलिस, वित्त विभाग की तरह चार स्तरीय टाइम स्केल दिया जाय। इसी प्रकार पर्यवेक्षकों को पूरे सेवाकाल में तीन पदोन्नति प्रदान की जावे। वर्ष 2016 से बंद आहरण-संवितरण का अधिकार पुनः परियोजना अधिकारियों को सौंपा जाय। प्रदेश में वर्ष 2007 से 2010 में व्यापम परीक्षा से संविदा पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की गई थी, उसके बाद से बंद कर दी गई है। अतः 10 वर्षों से अधिक समय से अनुभव प्राप्त प्रदेश में कार्यरत संविदा पर्यवेक्षकों को नियमित किया जावे। विकास खंड महिला सशक्तिकरण अधिकारियों के पदनाम के आगे से प्रभारी शब्द हटाया जावे तथा विकास खंड सशक्तिकरण अधिकारी के 313 स्वीकृत पदों को समर्पित करके उतनी ही राशि से हर जिले में सहायक संचालक प्रशिक्षण का पद सृजित किया जावे, इससे शासन पर कोई भी वित्तीय भार नहीं आयेगा एवं पदोन्नति के अवसर सृजित होंगे। वर्ष 2014 के बाद के सभी परियोजना अधिकारियों एवं सशक्तिकरण अधिकारियों की परिवीक्षा अवधि समाप्त की जावे तथा पर्यवेक्षकों को भ्रमण के आधार पर नियमित यात्रा भत्ता प्रदान किया जावे। इस अवसर पर परियोजना अधिकारी संघ की अध्यक्ष माधुरी सिंह, परियोजना अधिकारी डॉ.शेष नारायण मिश्रा, शिवानंद शुक्ला, श्रीमती रतन सिंह, पर्यवेक्षक संघ की अध्यक्ष ज्योति विश्वकर्मा, कोषाध्यक्ष मीना केवट, श्रीमती नीतू, अनुसूईया बाजपेई, शशी सिंह, विद्या सिंह चौहान, आशा तिवारी, शांती मौर्या, रामरती सिंह, पूनम सिंह, कमलेश पटेल, कृष्णा सिंह, विद्या सिंह परिहार, तारा अजीते, सरोज विश्वकर्मा, प्रियंका सिंह, पुष्पलता द्विवेदी, निर्मला सिंह, ऋतु कटरे, ललिता गुप्ता, ममता सिंह, मंजुला तिग्गा, उषा बाई रौतीया, सुषमा मिश्रा, सुकवंता डहरवाल, रीना यादव उपस्थित रहीं।