सीधी (ईन्यूज एमपी)- संजय टाइगर रिजर्व सीधी जो बाघों के संरक्षण के लिए बनाया गया है बाघों की कब्र का बनता जा रहा है आए दिन घटित होने वाली घटनाएं बाघों की संख्याओं को भी घटा रही हैं कभी कुछ तो कभी कुछ और कारण से बाघों का अस्तित्व खत्म होता जा रहा है जबकि उनकी देखरेख और सुरक्षा के लिए तैनात टाइगर रिजर्व का इतना बड़ा अमला महज अफसोस और कागजी कोरम पूर्ति में लगा हुआ है ताजी घटना जो घटित हुई है उसमें एक बाघिन की मौत की पुष्टि टाइगर रिजर्व के अमले द्वारा की गई है और दुखद बात यह है कि उक्त बाघिन के चार छोटे शावक है जो महज 8 माह के हैं और अब अनाथ हो गए हैं। बता दें कि संजय टाइगर रिजर्व की बाघिन टी - 18 की मौत हो गई। बाघिन बुधवार शाम करीब 5.30 बजे बडिया गांव में रेलवे ट्रैक किनारे घायल अवस्था में मिली थी, जिसे ट्रेकिंग दल द्वारा डॉक्टरों के टीम की उपस्थिति में देर रात ट्रैकुलाइज किया गया था। इसके बाद मझौली लाया गया, जहां समुचित उपचार के बाद गुरुवार को दोपहर करीब 3 बजे उसे बाड़े में छोड़ा गया, और कुछ ही घंटों बाद उसकी मौत हो गई। टाइगर रिजर्व की जानकारी पर गौर करें तो बाघिन के घायल होने की जानकारी मिलते ही क्षेत्र संचालक संजय टाइगर रिजर्व वाय.पी सिंह द्वारा घायल बाघिन को ट्रैकुलाइ करने के साथ ही उसके समुचित उपचार के लिए बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व व मुकुंदपुर जू से चिकित्सकों को बुलवाया गया था। विषय विशेषज्ञों के दल द्वारा रात करीब आठ बजे से घायल बाघिन को ट्रेंकुलाइज करने का प्रयास शुरू किया गया, और काफी मशक्कत के बाद देर रात 2.30 बजे उसे ट्रैकुलाइज किया जा सका। संजय टाइगर रिजर्व के आंकड़ों की माने तो बाघिन टी-18 ने पिछले सालों के दौरान करीब 14 शावकों को जन्म दिया था। उसके चार शावक करीब 8 माह के हैं, जो अभी बाघिन के साथ ही रहते थे, बाघिन की मौत के बाद अब यह शावक अनाथ हो गए हैं।