भुईमाड़(ईन्यूज एमपी)- लगातार 14 दिनों से वनांचल में चल रहे बांध के विरोध में अब एक नई बात देखने को मिली है,ं शासन प्रशासन से निराश आदिवासियों द्वारा अब अपने इष्ट देव को याद किया जा रहा है, और उनसे प्रार्थना की जा रही है कि यह बांध न बने। बता दें कि आदिवासी समुदाय द्वारा शुरू से ही बन रहे इस बात का विरोध किया जाता रहा है और लगातार 14 दिनों से धरना प्रदर्शन दिया जाता रहा है कई नेताओं द्वारा उनके आंदोलन को समर्थन भी दिया गया है बावजूद इसके अभी तक बांध को ना बनाने की कोई बात सामने नहीं आई है, जिसके बाद अब आदिवासी अपने इष्ट देवों का आवाहन कर बांध को रोकने की प्रार्थना कर रहे हैं। गौरतलब है कि आदिवासी समुदाय में गोड़ सिंचाई परियोजना के जरिए बन रहे बृहद बांध का विरोध में लोगों का आक्रोश बढता ही जा रहा है, बांध ना बनाए जाने को लेकर भगवान से प्रार्थना की जा रही, सीधी जिले के आदिवासी विकासखंड कुशमी के सोनगढ़ गोपद नदी में बन रहे गोड़ सिंचाई परियोजना के जरिए बृहद बांध के विरोध में लोगों का आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। जहां लोगों की मांग है कि बांध ना बनाया जाए और बनाया जाता है तो पुराने चिह्नित स्थल जालपानी में बनाया जाए भगवान से बांध ना बनाए जाने को लेकर की जा रही पूजा पाठ,शासन व प्रशासन उनकी मांगों को नहीं मान रहा है। जिसकी वजह से ग्रामीणों में खासा गुस्सा दिखाई दे रहा है। अब लोग भगवान से यह प्रार्थना करते हुए लोग दिखाई दे रहे हैं कि यह बांध यहां ना बने क्योंकि अगर बांध बना तो हमें जीने का संकट हो जाएगा। हम दो जिलों की सीमाओं में बंद कर रह जाएंगे, ग्रामीणों का कहना है कि इस बांध के बनने से दो जिले प्रभावित रहे हैं। इसी के साथ ही छ: पंचायत के लोगों को प्रभावित होने का भी खतरा लग रहा है। क्योंकि धरना प्रदर्शन में बैठे लोगों का मानना है कि जब सड़क ही बंद कर दिया जाएगा, तो सभी के लिए मुसीबत हो जाएगी। जिसके ही विरोध में बुधवार 23 फरवरी से सोनगढ़ गोपद नदी के पास अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन शुरू किया गया है। जिसके बाद चौदहवें दिन मंगलवार को भी अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन लगातार जारी है।