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Home सीधी दर्पण चंदा खोरी से अधिकारी हलाकान, दबी जुबान से दे रहे दर्द भरे बयान.....

चंदा खोरी से अधिकारी हलाकान, दबी जुबान से दे रहे दर्द भरे बयान.....

सीधी (ईन्यूज एमपी)- सीधी जिले में इन दिनों मगंतो(मांगने वालो) की भरमार है, और मांगने वाले हाथ वही हैं जो कल तक हाथ जोड़कर लोगों से वोट की भीख मांग रहे थे आज वही हाथ इतने सशक्त हो गए हैं कि जबरन अधिकारियों से वसूली कर रहे हैं फिर इसमें पक्ष हो या विपक्ष दोनों से अधिकारी कर्मचारी त्रस्त हैं।

कहते हैं नेता या जनप्रतिनिधि आम आदमी की आवाज होता है और आमजन के हितों के लिए शासन प्रशासन तक उनकी आवाज पहुंचाता है लेकिन वर्तमान परिवेश में जिले का हाल बेहाल है आम आदमी के लिए उठने वाली आवाज चंदे के लिए बुलंद हो रही है जनता के अधिकारों के लिए नारेबाजी करने वाले हाथ अब मांगने के लिए फैले हुए हैं जिनसे ज्यादातर अधिकारी कर्मचारी त्रस्त हैं लेकिन चाह कर भी खुले शब्दों में उनका विरोध नहीं कर पा रहे हैं।

जी हां सीधी जिले में इन दिनों चंदा खोरी से अधिकारी कर्मचारी बेहद त्रस्त हैं और दबी जुबान से अपना दर्द भी बयां कर रहे हैं उनकी माने तो पक्ष और विपक्ष दोनों ही वसूली पर आमादा है और जबरन अधिकारियों कर्मचारियों से वसूली करने में लगे हैं कभी किसी बात के नाम पर तो कभी किसी अन्य के नाम पर पक्ष विपक्ष दोनों वसूली पर लगे हुए हैं जबकि अधिकारियों द्वारा यदि रसीद की मांग की जाती है तो उस पर आनाकानी करते देखे जा रहे हैं चंदे के नाम पर वसूली का गोरखधंधा अब अधिकारियों को रास नहीं आ रहा है और उनके द्वारा पक्ष और विपक्ष दोनों के आलाकमान से हस्तक्षेप की मांग की जा रही है।

कहने को तो सम्मानित पदों पर आसीन पदाधिकारी व नेता कुर्ते की सफेदी की तरह साफ व स्वच्छ छवि के साथ अत्यंत आदरणीय है और उनके ठाठ बाठ भी बेहद रहीसी वाले हैं लेकिन इस रहीसी के पीछे ना जाने कितने अधिकारियों कर्मचारियों का दर्द छिपा हुआ है जिसे अधिकारी बयां नहीं कर पा रहे हैं लेकिन यदि हाल यही रहा तो दबी जुबान के स्वर मुखर हो जाएंगे और साफ-स्वच्छ कुर्ते मैले हो जाएंगे जो फिर किसी धुलाई से साथ नहीं होंगे इसलिए पार्टी को चाहिए कि वह अपने नेताओं और पदाधिकारियों पर लगाम रखें चंदे की आड़ पर अवैध वसूली को रोके नहीं तो नेताओं की व्यक्तिगत जरूरते और स्वार्थ दलों पर भारी पड़ेंगे।

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