सीधी (ईन्यूज एमपी)- सीधी जिले का बहुचर्चित ट्रैक्टर घोटाला जिसकी पोल सत्ताधारी विधायक केदारनाथ शुक्ला द्वारा खोली गई थी एक बार फिर चर्चाओं में है और उक्त मामले की जांच नायव तहसीलदार गोपद बनास दीपेंद्र सिंह तिवारी द्वारा शुरू कर दी गई है। ट्रेक्टर घोटाले के मामले में पूर्व प्रशासनिक अधिकारियों के तबादले उपरांत अव एक नई टीम का गठन विधायक ने कराया है जो दूध का दूध और पानी का पानी जांच उपरांत सामने आयेगा । बता दें कि सीधी जिले के केन्द्रीय सहकारी बैंक के गांधीग्राम शाखा में ट्रैक्टर बिक्री करने के नाम पर 2 करोड़ से अधिक का घोटाला कर किसानों को कर्जदार बना दिया गया था और इन घोटालेबाज कर्मचारियों को बेनकाब करने के लिये कोई और नहीं बल्कि सत्ताधारी दल के विधायक आगे आये थे. उनकी शिकायत पर मुख्यमंत्री ने जांच के निर्देश जारी किये थे और तात्कालीन सीधी कलेक्टर ने चार सदस्यीय टीम गठित कर जांच शुरू करवा दी थी जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक के तत्कालीन कर्मचारियों, अधिकारियों ने मिलकर किसानों की कृषि उपकरण ट्रैक्टर बिक्री करने के नाम पर 2 करोड़ से अधिक का घोटाला कर किसानों को कर्जदार बना दिया है.किसानों को ट्रैक्टर लेने कि जानकारी तब हुई जब बैंक वसूली करने उनके घर पहुंच गया और नोटिस थमा दिया. नोटिस देखकर किसानों के होश उड़ गए. किसानों ने बैंक और प्रशासन के उत्पीड़न से बचाने के लिये सीधी विधायक केदारनाथ शुक्ल से गुहार लगाई. विधायक ने अपने स्तर से हकीकत का परीक्षण कराया तो ऐसे लोगों के नाम पर ट्रैक्टर देने का खेल खेला गया है, जिनके पास कृषि योग्य भूमि ही नहीं है.किसानों के साथ हुए धोखे कि जानकारी कलेक्टर को देने के साथ-साथ सहकारी बैंक के अधिकारियों को दी गई, लेकिन किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई. विधायक केदारनाथ शुक्ल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर असलियत से अवगत कराया गया जिसके बाद जांच शुरू हुई थी और दोषी कर्मचारियों पर कार्यवाही भी हुई थी और अब एक बार फिर जांच आगे बढ़ रही है।