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केंद्रीय जेल के औचक निरिक्षण पर पंहुचे एसपी कलेक्टर,बंदियों के पास मिला गांजा और नशीली दवाएं,जेल अधीक्षक को कलेक्टर ने दिया नोटिस

रीवा(ईन्यूज एमपी)- केंद्रीय जेल रीवा में तलाशी के दौरान बंदियों के पास से गांजा की पुड़िया के साथ ही नशीली गोलियां व अन्य मादक सामग्री मिली हैं। जेल के भीतर हो रहे नशे के कारोबार का खुलासा रविवार को कलेक्टर एसपी के औचक निरीक्षण में हुआ है। बंदियों के पास मादक पदार्थ मिलने पर कलेक्टर ने जेल अधीक्षक को फटकार लगाते हुए शो कॉज नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

दरअसल रविवार को कलेक्टर इलैया राजा टी, पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन शहर के सभी थाना प्रभारी अपने बल के साथ केंद्रीय जेल रीवा का औचक निरीक्षण करने पहुंच गए। औचक निरीक्षण से केन्द्रीय जेल प्रबंधन में हड़कंप की स्थिति निर्मित हो गई। निरीक्षण के दौरान केन्द्रीय जेल में नशे का कारोबार चलने का भंडाफोड़ हो गया। काफी मात्रा में मादक पदार्थ मिले। जहां गांजा, तम्बाकू, नशे की गोलियों से लेकर अन्य मादक पदार्थ तलाशी के दौरान मिले। इससे यह माना जा रहा है कि केन्द्रीय जेल रोवा में सबकुछ मनमानी चल रहा है। हालांकि यहां की व्यवस्थाओं पर सवाल वर्षों से खड़े किये जा रहे थे।

सूत्रों की मानें तो इससे पहले अधिकारियों के निरीक्षण की खबर प्रबंधन को पहले ही लग जाती थी। इससे वह जेल में व्यास अव्यवस्थाओं पर पर्दा डालने में सफल हो जाते थे। लेकिन रविवार को कलेक्टर एवं एसपी द्वारा किये गए औचक निरीक्षण ने जेल प्रबंधन की मनमानी की पोल खोल दी है। जिले के सभी थाना प्रभारियों एवं पुलिस बल के पहुंचते हो जेल साथ सभी बैरकों को कस्टडी में ले लिया गया और एक-एक कैदी की तलाशी ली गई। इस दौरान कई कैदियों के पास गुटखा, तंबाकू, नशे की गोलियां व माचिस बरामद हुई, जिसे देखकर दोनों अधिकारियों ने जेल प्रबंधन को जमकर फटकार लगाई। साथ ही जेल अधीक्षक को कैदियों के पास मिले मादक पदार्थों और ज्वलनशील माचिस के मामले की जांच कर के जवाब मांगा है।

दरअसल विगत दिनों इंदौर जेल से शिफ्ट कर रीवा केंद्रीय जेल लाए गए तीन कैदियों के बीच मारपीट हुई थी, जिसमें ब्लेड से हमला कर दिया गया था। इसके कुछ ही दिन बाद जेल गेट के बाहर शंत्रियो के बीच जमकर मारपीट हुई थी। मारपीट का कारण जेल में बंद कैदियों के लिए बाहर से आने वाली सामग्री को पहुंचाने और कैदियों के परिवार वालों को मिलवाने को लेकर होना बताया जा रहा है। लगभग ढाई घंटे चली तलाशी अभियान के दौरान कई कैदियों के पास प्रतिबंधित चीजें बरामद की गयीं।

आपको बता दें कि इस समय केंद्रीय जेल 18 सौ अपराधी बंद हैं। जबकी मिली जानकारी के मुताबिक जेल की क्षमता केवल 1200 बताई गई। क्षमता से अधिक कैदियों के भरे होने और जेल प्रबंधन की लापरवाही के कारण ही अक्सर विवाद की स्थिति निर्मित हो रही है।

गौरतलब है कि रीवा केंद्रीय जेल पूरे प्रदेश में सबसे सुरक्षित जेल मानी जाती है, जहां कई जिलों के खूंखार कैदियों को रखा गया है। प्रबंधन की लापरवाई के चलते उत्तर प्रदेश निवासी एक कैदी फरार हो गया था। जिसके बाद सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता की गई थी, लेकिन पुनः प्रबंधन की लापरवाही के चलते एक माह में लगातार हुई घटनाओं से सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया है। अब देखना यह होगा कि कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक की छापामार कार्यवाही और फटकार के बाद प्रबंधन कितना सुधार लाता है।


पैसे सूत्रों की मानें तो केन्द्रीय जेल में निरुद्ध बंदियों को भोजन एवं अन्य व्यवस्थाओं के लिए महीने में पैसे भी देने पड़ते हैं। इसके लिए जेल के अंदर वर्षों से सिस्टम संचालित है। इस तरह की मनमानी कमाई करने में कैदियों के साथ कुछ जेल अधिकारियों की मिली भगत मानी जा रही है। हालांकि रविवार को कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक द्वारा किये गए औचक निरीक्षण से केन्द्रीय जेल रोवा की व्यवस्थाओं की पोल खुल गई है। इससे यह माना जा रहा है कि जेल प्रबंधन की लापरवाही से यहां नशे का कारोबार भी फलीभूत हो रहा है। इस पर कलेक्टर ने नाराजगी जाहिर की है और जेल प्रबंधन जबाब भी मांगा है। निरीक्षण में ये रहे मौजूदः छापेमार कार्रवाई में दोनों अधिकारियों के साथ एडिशनल एसपी शिव कुमार वर्मा, सीएसपी आर प्रसाद बिछिया थाना प्रभारी जगदीश सिंह ठाकुर कोतवाली थाना प्रभारी आदित्य प्रताप सिंह, सिविल लाइन थाना प्रभारी अवनीश पडिव, चोरहटा थाना प्रभारी विद्यावारिधि तिवारी, विश्वविद्यालय यान प्रभारी शिवपूजन सिंह बिसेन, रायपुर कंचुलियान थाना प्रभारी पुष्पेंद्र यादव के साथ थाना और पुलिस लाइन का बल मौजूद रहा।

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