भोपाल (ईन्यूज एमपी)- मध्य प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत के चुनाव मार्च के बाद ही होंगे। परिसीमन की प्रक्रिया 21 मार्च तक पूरी होगी। कोरोना संक्रमण के कारण परिसीमन की प्रक्रिया प्रभावित हुई है। इसे देखते हुए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने परिसीमन का कार्यक्रम संशोधित कर दिया है। अब पंचायतों का परिसीमन 16 मार्च तक पूरा होगा। वहीं, जनपद और जिला पंचायत का परिसीमन 10 मार्च तक होगा। 21 मार्च को पंचायत राज संचालनालय जिलों से प्रतिवेदन लेकर शासन को जानकारी भेजेगा। इसके बाद आरक्षण की प्रक्रिया होगी। मध्य प्रदेश में 2019 में पंचायतों का परिसीमन किया गया था। तब कांग्रेस की सरकार थी। सत्ता परिवर्तन के बाद शिवराज सरकार ने मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज संशोधन अध्यादेश के माध्यम से इस परिसीमन को निरस्त करते हुए 2014 की व्यवस्था के आधार पर ही चुनाव कराने का निर्णय लिया था। राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव कार्यक्रम भी घोषित कर दिया था। इसमें रोटेशन का पालन नहीं होने को लेकर अध्यादेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी। हाई कोर्ट ने चुनाव प्रक्रिया को रोकने से इन्कार कर दिया तो सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई। कोर्ट ने अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित पदों को अनारक्षित श्रेणी में अधिसूचित करके चुनाव कराने के आदेश दिए। इसके बाद सरकार ने अध्यादेश वापस लिया और चुनाव प्रक्रिया निरस्त हो गई। अब मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज (द्वितीय) संशोधन अध्यादेश के माध्यम से पंचायतों का परिसीमन कराया जा रहा है। 17 जनवरी को सभी जिलों में परिसीमन का प्रारंभिक प्रकाशन हो चुका है। यह प्रक्रिया 23 फरवरी तक पूरी होनी थी लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से दावा, आपत्ति व सुझाव की प्रक्रिया नहीं हो पा रही थी। इसे देखते हुए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने कार्यक्रम संशोधित कर दिया है। अब 11 फरवरी तक दावे, आपत्ति या सुझाव लिए जाएंगे। 16 मार्च तक सभी प्रक्रिया पूरी करके नई पंचायत के गठन की अधिसूचना जारी की जाएगी। पुनर्गठन में सबकी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए किया संशोधन विभाग के प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव ने बताया कि पंचायतों के पुनर्गठन में सबकी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए कार्यक्रम को संशोधित किया गया है। नगरीय निकाय में सम्मिलत या पृथक ग्राम या ग्राम पंचायत, सिंचाई परियोजना से डूब में आ गए गांव या पंचायत को मिलाकर पंचायत का पुनर्गठन किया जाना है। 21 फरवरी को पंचायतों का गठन करके वार्ड का निर्धारण किया जाएगा। 16 मार्च को अंतिम अधिसूचना राजपत्र में प्रकाशित की जाएगी। इसके बाद जनपद और जिला पंचायत के निर्वाचन क्षेत्रों के निर्धारण का प्रारंभिक प्रकाशन 22 फरवरी को किया जाएगा। आपत्तियों और सुझाव का निराकरण करके 10 मार्च को अधिसूचना जारी की जाएगी। 21 मार्च को पंचायत राज संचालक सभी जिलों से प्रतिवेदन प्राप्त करके शासन को जानकारी भेजेंगे। इसके आधार पर आरक्षण की प्रक्रिया होगी और फिर राज्य निर्वाचन आयोग को जानकारी दी जाएगी, जिसके आधार पर चुनाव कार्यक्रम घोषित होगा।