सिंगरौली (ईन्यूज एमपी)-सिंगरौली जिले के डाला गांव के आदिवासियों ने डाला गांव से चितरंगी तक 15 किमी लंबी पदयात्रा निकालकर एसडीएम और पटवारी को हटाने की मांग की। आदिवासियों का कहना है कि वन विभाग ने जबरदस्ती आठ गांव की भूमि अधिग्रहण कर ली। इसके साथ ही एसडीएम ने पिछले दिनों मीडियाकर्मी की पिटाई भी की थी। जिसको लेकर आदिवासी भाई आंदोलन कर रहे है। आदिवासियों का कहना है कि जब तक एसडीएम और पटवारी बर्खास्त नहीं हो जाते, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। पदयात्रा में शामिल हुए कई संगठन इस पदयात्रा को डॉ. सुनीलम ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसमें रीवा संभाग के संयोजक इंद्रजीत सिंह, अखिल भारतीय किसान सभा के रामजीत सिंह, अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के राममणि प्रसाद मिश्रा और गणतंत्र पार्टी के जिला सचिव दरोगा सिंह आयाम के साथ गोंडवाना सेना के कार्यकर्ता शामिल हुए। सिंगरौली में हो रहा पेसा कानून का उल्लंघन डॉ. सुनीलम ने कहा कि देश में जल, जंगल, जमीन की लड़ाई लड़ने वाले आदिवासियों को माओवादी बतलाकर फर्जी मुकदमें लगाए जाते हैं। पेसा कानून लागू होने के बावजूद कंपनियों को बगैर ग्राम सभाओं की सहमति के जमीन सौंपी जा रही है। उन्होंने कहा कि सिंगरौली जिले में पेसा का बड़ा क्षेत्र है, लेकिन बिना ग्राम सभा की अनुमति से प्रोजेक्ट लगाए जा रहे हैं। जन आंदोलनों को कुचला जा रहा है। मीडियाकर्मी को पीटने वाले अधिकारी नहीं हुए बर्खास्त जिलाध्यक्ष एड अशोक सिंह पैगाम ने कहा कि प्रशासन ने वादा किया था कि 6 माह तक अधिग्रहण की प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा, लेकिन मीडियाकर्मी को पीटने वाले एसडीएम और पटवारी को अब तक बर्खास्त नहीं किया गया। इस कारण डाला से चितरंगी तक पदयात्रा निकाली जा रही है।