जबलपुर(ईन्यूज एमपी)- हाई कोर्ट ने पंचायत चुनाव में प्रत्याशियों के खर्च की सीमा तय किए जाने की मांग के मामले में जवाब-तलब कर लिया है। इस सिलसिले में राज्य शासन व चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया गया है। शुक्रवार को प्रशासनिक न्यायाधीश शील नागू व न्यायमूर्ति सुनीता यादव की युगलपीठ के समक्ष मामला सुनवाई के लिए लगा। इस दौरान जनहित याचिकाकर्ता नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच, जबलपुर के प्रांताध्यक्ष डा.पीजी नाजपांडे व नयागांव, जबलपुर निवासी सामाजिक कार्यकर्ता रजत भार्गव की ओर से अधिवक्ता अमित सेठ ने पक्ष रखा। उन्हाेंने दलील दी कि प्रत्याशी लाभप्रद समझकर पंचायत चुनाव में भारी खर्च करते हैं। इससे चुनाव की शुचिता प्रभावित होती है। इस तरह आर्थिक रूप से कमजोर प्रत्याशी को नुकसान होता है, जबकि धनवान प्रत्याशी मतदाताओं को रिझाने में सफल हो जाता है। लिहाजा, सरपंच, जनपद पंचायत सदस्य, अध्यक्ष जिला पंचायत व सदस्य सहित अन्य पंचायत संबंधी चुनावों के प्रत्याशियों के चुनाव खर्च की सीमा को निर्धारित कर दिया जाना चाहिए। इस संबंध में पूर्व में अभ्यावेदन सौंपा जा चुका है। उसे गंभीरता से न लिए जाने के कारण जनहित याचिका दायर की गई है। इससे पूर्व नगरीय निकाय चुनाव को लेकर भी इसी तरह की जनहित याचिका व अवमानना याचिका दायर की गई थी। जिसके कारण मध्य प्रदेश चुनाव आयोग ने पार्षद पद के प्रत्याशियों के लिए चुनाव खर्च की सीमा तय कर दी है। इससे पूर्व महज महापौर व अध्यक्ष पद के लिए ही चुनाव खर्च सीमा निर्धारित थी। हाई कोर्ट ने प्रारंभिक सुनवाई के बाद नोटिस जारी कर दिए।