ग्वालियर(ईन्यूज एमपी)- हाई कोर्ट की युगलपीठ ने शिवपुरी जिले की नरवर नगर पंचायत के चुनाव समय पर नहीं कराए जाने के मामले में प्रदेश के मुख्य चुनाव आयुक्त बसंत प्रताप सिंह को 14 जनवरी को व्यक्तिगत रूप से तलब किया है। उन्हें अवमानना के संबंध में जवाब देना है। चुनाव आयोग को वर्ष 2018 में नरवर नगर पंचायत के चुनाव कराने थे, लेकिन राज्य के चुनाव आयोग ने नहीं कराए। एक साल से अधिक समय बीत गया था। इसको लेकर नरवर निवासी बृजेश सिंह तोमर ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। कोर्ट ने 25 अप्रैल 2019 में आदेश दिया था कि तीन महीने में चुनाव प्रक्रिया को खत्म किया जाए। कोर्ट के आदेश के बाद भी चुनाव नहीं कराए गए। जब चुनाव नहीं हुए तो जुलाई 2019 में अवमानना याचिका दायर की। इसके बाद भी चुनाव आयोग ने गंभीरता नहीं दिखाई। अवमानना याचिका 2019 से लंबित है। अवमानना याचिका की स्थिति को देखते हुए कोर्ट ने 15 दिसंबर 2021 को मुख्य चुनाव आयुक्त बसंत प्रताप सिंह को तलब किया था, लेकिन आयुक्त उपस्थित नहीं हुए। हाजिरी माफी का आवेदन पेश किया गया था, लेकिन कोर्ट ने उन्हें हाजिरी माफी नहीं दी। गुरुवार को कोर्ट ने चुनाव आयुक्त के उपस्थित नहीं होने पर नाराजगी जताई और 14 जनवरी को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के आदेश दिए हैं। चार याचिकाएं सुनी जा रही हैं एक साथ -बृजेश सिंह तोमर ने 2020 में नई रिट पिटीशन दायर की है। इस याचिका में तर्क दिया गया है कि 2018 में चुनाव का जो गजट नोटिफिकेशन जारी किया गया था, उसके अनुसार चुनाव कराने थे, लेकिन 2020 मेंं चुनाव की नई अधिसूचना जारी कर दी, जिससे कोर्ट के आदेश की अवमानना हुई है। - इस याचिका के साथ बृजेश सिंह तोमर की अवमानना याचिका भी जोड़ी गई है। - बसंत प्रताप सिंह ने भी याचिका दायर की है। इस याचिका को भी इसके रिट पिटीशन के साथ सुना जा रहा है। - बीएल कांताराव भी मुख्य चुनाव आयुक्त रह चुके हैंं, उन्होंने भी याचिका दायर की थी। यह याचिका को भी रिट पिटीशन के साथ जोड़ा गया है।