enewsmp.com
Home मध्य प्रदेश फिर फंसा MP पंचायत चुनाव में OBC आरक्षण का पेंच......

फिर फंसा MP पंचायत चुनाव में OBC आरक्षण का पेंच......

भोपाल (ईन्यूज एमपी)-पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर शिवराज सरकार की पुनर्विचार याचिका पर अर्जेंट हियरिंग से सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर दिया है। अब इस मामले में नियमित सुनवाई 3 जनवरी को होगी। पेंच को निकालने के लिए विधानसभा में गुरुवार को ही सर्वसम्मति से संकल्प पारित किया गया। जिसे सरकार सुप्रीम कोर्ट में सर्पोटिंग डॉक्यूमेंट के तौर पर पेश करेगी।

सरकार ने बुधवार को पुनर्विचार याचिका (रिकॉल आॅफ आर्डर) दायर की थी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने गुरूवार को विधानसभा में बताया कि सरकार ने इस मामले में अर्जेंट हियरिंग (तत्काल सुनवाई) के लिए आवेदन दिया है। इधर, राज्य निर्वाचन आयोग को सुप्रीम कोर्ट के आगे आने वाले आदेश का इंतजार है। सरकार ने बुधवार को उस पत्र का जवाब भेज दिया है, जो आयोग ने को सुप्रीम कोर्ट के 17 दिसंबर 2021 को आए निर्देश के बाद दिया था। सरकार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर कर दी गई है। इसलिए सीटों के आरक्षण के लिए प्रतिक्षा करें। यही वजह है कि सुपीम कोर्ट के आदेश के 6 दिन बाद भी सरकार ने ओबीसी के लिए रिजर्व सीटों को सामान्य करने के लिए अधिसूचना जारी नहीं की है।

मप्र ओबीसी महासंघ ने सुप्रीम कोर्ट में 20 दिसंबर को एक मोडिफिकेशन आफ आर्डर पिटीशन दायर की गई थी। महामंघ के एडवोकेट रामेश्वर सिंह ठाकुर ने बतिाया कि सुप्रीम कोर्ट में 20 व 22 दिसंबर को दो पुर्नविचार याचिकाएं दायर की गई हैं। यदि कोर्ट अपने आदेश को रिव्यू नहीं करती है तो हम पांच जजों के संवैधानिक पीठ में जाएंगे।

एडवोकेट ठाकुर के मुताबिक संविधान की धारा 243-बी की उपधारा 6 में स्पष्ट कहा गया है कि आरक्षण पर विधायिका कानून बना सकती है। 1994 में इसी आधार पर आरक्षण के कानून बनाए गए थे। अब पेंच फंसाया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट में पुर्नविचार याचिका लगाने वालों में अपाक्स, पिछड़ा वर्ग मोर्चा, पिछड़ा वर्ग अनुसूचित-जनजाति मोर्चा संगठन शामिल हैं।

SC के निर्देशों के तहत जारी रहेगी पंचायत चुनाव प्रक्रिया : निर्वाचन आयोग
राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव बीएस जामोद ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश हैं कि ओबीसी आरक्षण वाले पदों को छोड़कर शेष पदों के लिए चुनाव प्रक्रिया जारी रहेगी। इसलिए चुनाव तय कार्यक्रम के तहत ही कराए जाएंगे। विधानसभा में संकल्प पारित होने की जानकारी अभी आयोग को प्राप्त नहीं हुई है। उस पर विधि विशेषज्ञों से परामर्श लिया जाएगा।

Share:

Leave a Comment